कॉरपोरेट लॉबिस्ट नीरा राडिया के टेप और विकिलीक्स के खुलासे पिछले एक दशक में मजबूती से सामने आए दो बुनियादी और परस्पर संबंधित राजनीतिक नजरिये की पुष्टि करते हैं। इनमें एक वैश्विक है और दूसरा स्थानीय। इनमें से पहला सत्ता की प्रकृति के बारे में है। आधुनिक विश्व में अमेरिकी सैन्य शक्ति और उसकी व्यापारिक ताकत के अतिरिक्त सत्ता सूचनाओं पर ज्यादा टिकी है, जो हथियार या खजाने पर नियंत्रण रखती...
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भ्रष्टाचार के रास्ते- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 13 दिसंबर, 2011: जयप्रकाश नारायण ने 1974 में, जब वे कई सारे सवालों के साथ-साथ भ्रष्टाचार का भी सवाल उठा कर सारे देश में आंदोलन खड़ा करने में लगे थे, एक गहरा और मार्मिक लेख लिखा था। इसका शीर्षक था:‘क्या नैतिक ताने-बाने के बिना भी कोई देश बना रह सकता है?’ इसमें उन्होंने मुख्य रूप से दो बातें कही थीं। एक,भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की तरफ चलता है। सत्ता-संपत्ति-अधिकार...
More »अगले पांच साल के दौरान होगी देश की पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच : आजाद
नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी) कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर समस्याओं, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में पता लगाने और समय रहते उनका इलाज करने के लिए सरकार ने अगले पांच साल में देश की पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच करने की योजना बनाई है। राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कें्रदीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर बीमारियों, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में...
More »छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को अब 32 फीसदी आरक्षण
रायपुर। राज्य शासन ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले किए। बड़ा राजनीतिक कदम उठाते हुए सरकार ने छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को मिलने वाले आरक्षण को 20 फीसदी से बढ़ाकर 32 फीसदी कर दिया है। आरक्षण का फैसला लागू होने के बाद राज्य में कुल आरक्षण 46 फीसदी से बढ़कर 58 फीसदी हो जाएगा। एसटी आरक्षण को बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र...
More »खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश के खतरे- शरद यादव
खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत का निर्णय केंद्र सरकार ने ऐसे समय किया जिस समय वह मूल्यवृद्धि और काले धन पर संसद में घिरी हुई थी। इसके साथ ही उसने विपक्ष के साथ टकराव का एक और मोर्चा खोल दिया है। उसके इस निर्णय की दो व्याख्याएं हो सकती हैं। पहली यह है कि केंद्र सरकार चाहती ही नहीं कि संसद सही तरीके से चले और वह टकराव...
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