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बजट बाद वित्त मंत्री के नाम एक खत...गोविन्दो भट्टाचार्य

प्रिय वित्त मंत्री, यह आपकी सरकार का पहला बजट था। जनता ने भारी-भरकम जनादेश देकर आपको यह मौका दिया। पिछले शासन से अलग हटकर आपने जनता से बदलाव और बिना किसी खैरात के विकास करने का वादा किया था। वित्त मंत्री जी क्या हुआ इन वादों का? तीस सालों में पहली बार आपकी पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आई। यह राष्ट्र बखूबी जानता है कि पिछली सरकार ने अपने शासन में...

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मोदी, जेटली और निर्मला ने की डब्ल्यूटीओ करार पर चर्चा

भारत बृहस्पतिवार को जिनीवा में होने वाली बैठक में खाद्य सुरक्षा के मुद्दों का हल हुए बिना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बाली करार को आगे बढ़ाने के विकसित देशों के दबाव में नहीं आएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। जिनीवा बैठक में भारत का रुख क्या होगा, इस पर चर्चा के लिए बुलाई गई इस बैठक में वित्त...

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अपनी सभ्यता की शर्तों पर- रमेशचंद्र शाह

जनसत्ता 15 जुलाई, 2014 : तात्कालिक आवश्यकता इस समाज में ही अतर्निहित, लेकिन दबी-घुटी मूल्य चेतना और आत्म-ज्ञान को उभारने-जगाने की है। फिलहाल लक्षण कुछ ऐसे ही प्रतीत हो रहे हैं कि नया राजनीतिक नेतृत्व अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में इस मानी में ज्यादा संवेदनशील और जनोन्मुखी होगा। अवसरवादियों-चाटुकारों, नकलचियों और अल्पसंख्यक-तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दंभी पुण्यात्माओं का अभयारण्य नहीं, जो कि अपने ही देश को उपनिवेश की तरह...

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ज्यादा अहम क्या : बदला या सुधार? -एनके सिंह

झारखंड के बोकारो में स्थित एक गांव गुलगुलिया ढोरा में एक बलात्कार हुआ। मामला पंचायत में गया। मुखिया ने फैसला सुनाया कि बलात्कार की शिकार महिला का पति बलात्कार आरोपी की 14 वर्षीया बहन से बलात्कार करे। यही हुआ। पूरे गांव के सामने। लड़की के मां-बाप गुहार लगाते रहे पर कोई बचाने नहीं आया। संबंधित थाने में भी शुरू में रिपोर्ट नहीं लिखी गई। उधर मद्रास हाई कोर्ट के एक...

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ज्यां द्रेज़: सामाजिक नीति का कथा पुराण

आज शायद ही किसी को वह चिट्ठी याद होगी जिसे सात अगस्त 2013 को नरेन्द्र मोदी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था. इस चिट्ठी में मोदी ने दुख जताया था कि "खाद्य सुरक्षा का अध्यादेश एक आदमी को दो जून की रोटी भी नहीं देता." खाद्य-सुरक्षा के मामले पर लोकसभा में 27 अगस्त 2013 को बहस हुई तो उसमें भी ऐसे ही मनोभावों का इज़हार हुआ. तब भारतीय जनता पार्टी के...

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