रायपुर। आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए बने कानून अब उनके लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। 1959 में भू-राजस्व संहिता लागू हुई तो प्रावधान किए गए कि आदिवासी की जमीन कोई गैर आदिवासी नहीं ले सकता। यह भी कानून बनाया गया कि अगर किसी आदिवासी के पास पांच एकड़ से कम भूमि है तो वह आदिवासी को भी अपनी भूमि बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं बेच सकता। अब...
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जल संकट के लिए तैयार रहें-- आशुतोष चतुर्वेदी
र्मी शुरू हो गयी है. हम सब जानते हैं कि हर साल की तरह हमारे गांव, कस्बे और शहर पानी की कमी से जूझेंगे. लेकिन, इस विषय में हम तभी सोचते हैं, जब समस्या हमारे सिर पर आ खड़ी होती है. न तो सरकारों की ओर से कोई ठोस पहल होती है और न ही समाज की ओर से कोई अभियान छेड़ा जाता है. समस्या केवल कम बारिश की नहीं...
More »हर वर्ष लाखों क्विंटल बीज का भंडारण, लेकिन मांग के अनुरूप वितरण नहीं
रायपुर। छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम प्रदेशभर में किसानों को बीज का वितरण करता है। इसके लिए प्रदेश के 27 जिलों में कुछ 1344 सोसाइटी बनाई गई हैं, जहां मांग के अनुसार खरीफ और रबी फसल के बीजों का भंडारण किया जाता है। 2017-18 में हुए बीज वितररण को देखें तो कई बीजों का वितरण मांग के अनुरूप नहीं हो सका। खरीफ फसल के बीजों की मांग और वितरण में...
More »जन-आंदोलनों का विचार-- अनुज लुगुन
साल 1930 में मार्च महीने की 12 तारीख थी. जैसे हर रोज सूरज निकलता है, वैसे ही उस दिन भी सूरज निकलनेवाला था, फिर भी उन लोगों को सूरज के उगने की प्रतीक्षा थी. यद्यपि उन्हें मालूम था कि वे सरकार के विरुद्ध कदम उठा रहे हैं और उसका परिणाम यातनामयी होगा, लेकिन सबने प्रण कर लिया था कि यदि कदम नहीं बढ़े, यदि आवाज नहीं उठी, तो उनके जीवन...
More »छत्तीसगढ़: सूखा राहत के नाम पर केंद्र से मिले सिर्फ 395.31 करोड़ रुपए
रायपुर। नईदुनिया राज्य ब्यूरो छत्तीसगढ़ को सूखा राहत के नाम पर केंद्र सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया है। राज्य ने प्रदेश के 21 जिले की 96 तहसीलों को खरीफ सीजन में सूखाग्रस्त घोषित किया था। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सूखा राहत के लिए विभिन्न मद में 4401 करोड़ रुपए की सहायता का प्लान भेजा था। केंद्र की टीम ने सूखा प्रभावित तहसीलों का दौरा भी किया। अब...
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