पिनाकी रंजन दास, दंतेवाड़ा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ने का आह्वान किया था। पीएम के इस आह्वान के बाद स्वच्छता मिशन को लेकर हर तबका जागरूक नजर आ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री के इस मिशन से बिंजाम गांव की कहानी थोड़ी हटकर है। जिला मुख्यालय से लगभग पांच किमी दूर प्राचीन शिव मंदिर के लिए चर्चित समलूर के...
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आज भी मजबूर हैं बच्चे
बाल श्रम के क्षेत्र में काम करने वाले कैलाश सत्यार्थी को नोबेल पुरस्कार मिलना देश के लिए गौरव की बात है। पर यह सवाल आज भी उतनी ही शिद्दत से हमारे सामने है कि कब हमारे देश से बाल श्रमिकों का उन्मूलन होगा। हाल ही में राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक चूड़ी कारखाने से बिहार के 140 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया। यह बताता है कि बाल...
More »सीएनटी एक्ट में संशोधन आवश्यक- प्रभाकर तिर्की
जो छोटानागपुर कास्तकारी अधिनियम को जानते हैं, वे स्पष्ट रूप से यह कह सकते हैं कि इस कानून में आज की परिस्थिति में संशोधन का मतलब यह नहीं है कि पूरी कानून में संशोधन हो जाये. समय-समय पर परिस्थिति की समीक्षा करते हुए कानून की कुछ धाराओं, कुछ खंडों, कुछ शब्दों में संशोधन आवश्यक होता है, ताकि उसके प्रतिकूल प्रभावों को रोका जा सके. सीएनटी एक्ट में उसके लागू होने...
More »सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार
जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...
More »ऋषि वैज्ञानिक की स्मृति!- हरिवंश
मंगल ग्रह पर ‘मॉम' (भारतीय अंतरिक्ष उपग्रह) के सफल प्रक्षेपण के संदर्भ में, प्रोफेसर सतीश धवन के नाम की चर्चा हुई. दरअसल, इस सफलता की नींव में प्रोफेसर सतीश धवन जैसे वैज्ञानिक ही हैं. उनके चरित्र, जीवन और कर्म को जानना हर भारतीय के लिए जरूरी है, ताकि वह इस उपभोक्तावादी माहौल में सफलता का मर्म जान सकें. आज हर भारतीय, खासतौर से युवा सफलता के एवरेस्ट पर पहुंचने को...
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