शशिकांत तिवारी, भोपाल। तंगहाली ने बीते दो माह से सरकारी अस्पतालों की सेहत बिगाड़ी दी है। हालात यह हैं कि राजधानी के हमीदिया जैसे बड़े अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों में सबसे अहम वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास उन्हें सुधारवाने के लिए पैसा नहीं है। बीते एक सप्ताह से हृदयरोगियों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि कैथेटर और डाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मरीजों...
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5 साल में किसानों की आमदनी दुगुना, विकास का कसीनो मॉडल तो नहीं
बजट 2016 में केंद्र सरकार ने गांव और किसानों को तवज्जो दी गयी है इसके विषय में कई बाते कहीं जा रही है। कोई इसे ग्राम देवता का बजट बता रहा है तो कोई किसान देवता का। लेकिन विशेषज्ञ सरकार के गांवो में प्रति समर्पित बजट के सवाल पर बंटे हुए हैं। योजना आयोग के पूर्व सदस्य अभिजित सेन कहते हैं कि वित्त मंत्री अरूण जेटली को अपने बजट मे...
More »पांच साल में 23 करोड़ की बंदरबांट, खर्च का हिसाब भी नहीं
प्रशांत गुप्ता, रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति (सीजीसैक्स) ने बीते 5 साल में 23 करोड़ 20 लाख रुपए स्वयं सेवी संस्थाओं (एनजीओ) को बांट दिए। इन एनजीओ ने क्या काम किया, इसकी कोई जांच-परख (मूल्यांकन) तक करने की जरूरत नहीं समझी गई। बड़ा खुलासा यह है कि एनजीओ को भुगतान करने से पहले इनसे उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूटिलिटी सर्टिफिकेट) तक नहीं लिया गया, जबकि शासन के नियमानुसार में उपयोगिता प्रमाण...
More »घाटे के अर्थशास्त्र पर ई-कॉमर्स- राजीव रंजन झा
भारत में ई-कॉमर्स का कारोबार काफी तेजी से फैलने लगा है, इसमें कोई संदेह नहीं है. ई-कॉमर्स यानी इंटरनेट की मदद से व्यापार चलाना. पहले यह काम कंप्यूटर-लैपटॉप के जरिये इंटरनेट पर हो रहा था, अब मोबाइल पर भी एप्प के जरिये होने लगा है. इस क्षेत्र में भारतीय सफलता की सबसे बड़ी कहानियां फ्लिपकार्ट और स्नैपडील की रही हैं. हाल में पेटीएम ने भी खुद को बड़ी तेजी से...
More »अब कौन कहेगा सूट-बूट की सरकार? - लॉर्ड मेघनाद देसाई
वर्तमान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट बहुत ही संतुलित और सधा हुआ है। बजट में ग्रामीण भारत की चिंताओं और समस्याओं को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है। ऐसा पहली बार है जब किसी वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र और किसानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और एक तय सीमा अवधि में किसानों की आय...
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