-विलेज स्कवायर, चंद्रशेखर का खेत खारी हवा और लहरों की आवाज़ के बीच, बंगाल की खाड़ी के तट से सिर्फ 50 मीटर दूर है। पुदुचेरी के नरमाई गाँव के चंद्रशेखर (60) दो दशक से ज्यादा समय से यहाँ खेती कर रहे हैं। पहले वे कैसुआरिना और नारियल के पेड़ उगाते थे। चंद्रशेखर बताते हैं – “कैसुआरिना के पेड़ हमें हर छह या सात साल में उपज देते हैं और इस तटीय क्षेत्र...
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भारत के प्रत्येक 10 में से 1 किशोर पर हुआ साइबर हमला, 50 प्रतिशत ने भी नहीं की रिपोर्ट : स्टडी
जनज्वार। गैर-सरकारी संगठन ‘चाइल्ड राइट्स एंड यू’ (CRY) ने अपनी एक स्टडी में पाया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सर्वेक्षण में शामिल 630 किशोरों में से लगभग 9.2% ने साइबर हमले अनुभव किया था और उनमें से आधे ने शिक्षकों, अभिभावकों या संबंधित सोशल मीडिया कंपनियों को इसकी सूचना नहीं दी थी। 18 फरवरी 2020 को ‘ऑनलाइन स्टडी एंड इंटरनेट एडिक्शन’ शीर्ष के साथ जारी हुई स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक 22.4...
More »गृह मंत्रालय ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में 2018 में हुए सांप्रदायिक दंगों से संबंधित डेटा नहीं किया प्रकाशित
हाल ही में हुए दिल्ली दंगों में 45 से ज्यादा लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है. इसलिए देश में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं से संबंधित आधिकारिक आंकड़ों को देखना आवश्यक है. हम यह आंकड़े, गृह मंत्रालय (MoHA) की हर वर्ष जारी होने वाली वार्षिक रिपोर्ट, जिसमें विभिन्न वर्षों में सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या के बारे में जानकारी मिलती है, से देख सकते हैं. इस रिपोर्ट में सांप्रदायिक घटनाओं...
More »गृह मंत्रालय ने वार्षिक रिपोर्ट में 2018 में हुए सांप्रदायिक दंगों से संबंधित डेटा नहीं किया प्रकाशित
हाल ही में हुए दिल्ली दंगों में 45 से ज्यादा लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है. इसलिए देश में होने वाली सांप्रदायिक घटनाओं से संबंधित आधिकारिक आंकड़ों को देखना आवश्यक है. हम यह आंकड़े, गृह मंत्रालय (MoHA) की हर वर्ष जारी होने वाली वार्षिक रिपोर्ट, जिसमें विभिन्न वर्षों में सांप्रदायिक घटनाओं की संख्या के बारे में जानकारी मिलती है, से देख सकते हैं. इस रिपोर्ट में सांप्रदायिक घटनाओं...
More »बैगा आदिवासियों की बेंवर खेती - बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में बैगा आदिवासी बेंवर विधि से खेती करते हैं। इसी विधि से ही छत्तीसगढ़ में बैगा व पहाड़ी कोरवा आदिवासी खेती करते हैं। पिछले कुछ समय से इसमें कमी आई है, पर अभी भी यह काफी प्रचलित है। बेंवर विधि से खेती बिना जुताई की जाती है, जिसके लिए पहले ग्रीष्म ऋतु में पेड़ों की छोटी-छोटी टहनियों, पत्ते, घास और छोटी झाड़ियों को एकत्र कर उनमें आग...
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