निम्नलिखित सूचना के आलोक में आपकी प्रतिभागिता का निवेदन है. कृपया ध्यान दें की प्रतिभागिता आमंत्रण-पत्र के आधार पर ही सुनिश्चित होगी इसलिए दिए गए ईमेल पते पर समय रहते संपर्क कर लें. Participants: More than 600 participants, including 50 exhibitor teams, foundation grantees, industry leaders, government representatives, and other local and international partners Participant Details The Reinvent the Toilet Fair will begin at approximately 10 am on Thursday, March 20 and conclude...
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जनकल्याण में कटौती का अर्थ- धर्मेन्द्रपाल सिंह
जनसत्ता 01 मार्च, 2014 : आम चुनाव सिर पर हों तो इसे अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही कहा जाएगा। वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट में जन-कल्याणकारी योजनाओं में 31,812 करोड़ रुपए की कटौती कर यूपीए सरकार के विरोधियों को हमला करने के लिए अतिरिक्त गोला-बारूद मुहैया करा दिया है। कटौती चालू वित्तवर्ष में की गई है जिसका असर ग्रामीण सड़क, सिंचाई, राष्ट्रीय कृषि विकास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मिड-डे...
More »जो खेती करे, वह किसान: नीतीश
नौबतपुर: केवल वही किसान नहीं हैं, जिनके पास जमीन है, बल्कि खेती से जुड़ा हर व्यक्ति किसान है. सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय कर रही है. तभी बिहार तरक्की करेगा. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री संस्कृति एवं किसान गौरव अभियान और खरीफ 2014 एवं हरी चादर कार्यक्रम का श्रीगणोश करते हुए कहीं. बिजली के लिए अलग फीडर : उन्होंने कहा कि धान की उपज में बिहार ने...
More »4 रुपये महीना पेंशन पाते हैं ये बुजुर्ग!
किसी को अगर आज की तारीख में 4 रुपये महीने की आमदनी हो तो क्या कहेंगे। और अगर वह चार रुपये महीने के रूप में देने वाला केंद्र की सरकार हो तब, कहने की जरूरत भी बचती है क्या! श्रम मंत्रालय के अधीन पेंशन पाने वाले बुजुर्ग पूर्व कर्मचारियों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस दौरान चार रुपये महीना पेंशन पाने वाले बुजुर्ग भी शामिल रहे। बुजुर्गों ने कहा कि सभी मंत्रालयों...
More »नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां- प्रभात पटनायक
जनसत्ता 22 फरवरी, 2014 : यूपीए सरकार और राजग सरकार और यहां तक कि ‘तीसरे मोर्चे’ की अल्पायु सरकार भी आर्थिक नीतियों के मामले में एक जैसी ही रहीं। आज भी, जब चुनावी विकल्प के रूप में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी का शोरशराबा हो रहा है, आर्थिक नीतियों के स्तर पर शायद ही कोई बुनियादी फर्क हो। सच्चाई तो यह है कि मोदी खुद इस बात पर जोर देते...
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