भ्रष्टाचार भारत में बातचीत का एक पसंदीदा विषय है. इस पर चर्चा करना हम पसंद करते हैं और इसकी सभी विकृतियों का रोना रोते हैं. हमें इसमें महारत हासिल है और हम सभी ने किसी न किसी रूप में इसे अनुभव किया है. यह किसी एक सहज परिभाषा को नकारता है, लेकिन यह है क्या, हम सभी समझते हैं. अश्लीलता के संदर्भ में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पॉटर स्टिवर्ट...
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अब भी कम नहीं आर्थिक चुनौतियां - सुषमा रामचंद्रन
कई बार हमें जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं। फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में भी यह बात सच लगती है। हां, यह सही है कि अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी का माहौल है और शेयर बाजार सूचकांक नई बुलंदियों को छू रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि आगामी वर्ष के लिए देश का आर्थिक परिदृश्य उतना सुहावना नजर नहीं आता। हां, ऑटोमोबाइल्स और उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री में उछाल...
More »तेल पर निर्भरता घटाने का वक्त - डॉ. जयंतीलाल भंडारी
भारत ने देर से ही सही, तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक पर कच्चे तेल की कीमतों में कटौती के लिए दबाव डालते हुए उचित कदम उठाया है। यद्यपि 1 जुलाई से ओपेक ने कच्चे तेल के उत्पादन में लगभग 10 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) की बढ़ोतरी की है, लेकिन हकीकत यह है कि कीमतें अब भी कम नहीं हो पाई हैं। नि:संदेह बीते कुछ वक्त से तेल की लगातार...
More »गरीबी में गिरावट संतोषजनक--- अजीत रानाडे
अंतरराष्ट्रीय रूप से सुप्रसिद्ध ब्रूकिंग्स संस्थान की एक रिपोर्ट यह बताती है कि भारत में गरीबी में नाटकीय गिरावट आयी है. मई 2018 के आकड़े लिये जाएं, तो भारत में घोर दरिद्रता की स्थिति में रहनेवालों की संख्या 7.30 करोड़ है, जबकि नाइजीरिया में ऐसे लोगों की तादाद 8.70 करोड़ है. ऐसा पहली बार हुआ है कि अपनी जनसांख्यिक विशालता के बावजूद भारत में अत्यंत निर्धनों की संख्या विश्व में...
More »आयुष्मान भारत : सतर्कता जरूरी
वर्ष 2018-19 के वित्त वर्ष के लिए बजट में जब वित्तमंत्री ने यह घोषणा की कि 10 करोड़ परिवारों यानी 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य पर आनेवाले खर्च के लिए पांच लाख रुपये तक के खर्च को सरकार वहन करेगी, तो यह एक सपने जैसा प्रतीत हुआ था. बजट भाषण में वित्तमंत्री ने ‘आयुष्मान भारत' योजना का जिक्र किया था, जिसके अंतर्गत दो प्रकार की स्वास्थ्य योजनाओं की घोषणा हुई...
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