रिजर्व बैंक ने देश के बैंकों को आदेश दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक करेंसी जैसे बिटकॉइन में वे व्यापार न करें। इस इलेक्ट्रॉनिक करेंसी का ईजाद कुछ लोगों ने यह सोच कर किया था कि सरकार द्वारा बनाई गई करेंसी के अतिरिक्त लेन-देन का कोई दूसरा माध्यम बनाया जाये। लेकिन रिजर्व बैंक के प्रतिबन्ध से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार के ऊपर होकर नहीं चला जा सकता। पहले यह समझें...
More »SEARCH RESULT
चंपारण से निकला रास्ता- राजू पांडेय
चंपारण सत्याग्रह नील की खेती करने वाले किसानों के अधिकारों के लिए संगठित संघर्ष के रूप में विख्यात है। इसके एक सदी बाद भी देश का किसान बदहाल है। 2010-11 के आंकड़ों के अनुसार, देश के 67.04 प्रतिशत किसान परिवार सीमांत हैं जबकि 17.93 प्रतिशत कृषक परिवार लघु की श्रेणी में आते हैं। सरकार ने संसद को राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण द्वारा जुलाई 2012 से जून 2013 के संदर्भ में संकलित...
More »आंबेडकर विचार भी, प्रेरणाशक्ति भी-- बद्री नारायण
तीकों में प्रेरणा शक्ति निहित रहती है। यह शक्ति ही प्रतीकों को प्रासंगिक बनाती है। डॉ भीमराव आंबेडकर का प्रतीक अपनी इसी शक्ति के कारण लगातार प्रासंगिक होता गया है। दलित सामाजिक समूह ने इसी शक्ति की प्रेरणा से न सिर्फ सामाजिक सत्ता से वाद-विवाद और संवाद करना सीखा है, बल्कि राजनीतिक सत्ता में अपनी भूमिका बनाने की प्रेरणा भी उन्हें इसी से मिली है। आंबेडकर के प्रतीक ने शायद...
More »कमजोर वर्ग के बच्चों की श्रेणी कैसे बदल सकता है स्कूलः हाई कोर्ट
नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के बच्चों की श्रेणी सामान्य में बदलकर उन्हें फीस देने पर ही दाखिला लेने पर मजबूर करने की बात संज्ञान में आने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया। दो डीएवी पब्लिक स्कूल के खिलाफ दायर याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि कैसे एक निजी...
More »कचरे के निपटारे की चुनौती-- मोनिका शर्मा
एक हालिया अध्ययन के मुताबिक वर्ष 2047 तक भारत में कूड़े का ‘उत्पादन' पांच गुना बढ़ जाएगा। इसका अर्थ है कि हमारा देश दुनिया भर में कूड़े का सबसे बड़ा उत्पादक बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। यह बहुत चिंताजनक है, एक ऐसे देश में, जहां कूड़ा प्रबंधन पहले से ही बहुत बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं, हमारे यहां पारंपरिक तरल और ठोस कूड़े के अलावा...
More »