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पिछले पांच वर्षों में 1798 परियोजनाओं में किया गया पर्यावरण मंजूरी की शर्तों का उल्लंघन

-न्यूजलॉन्ड्री, पिछले पांच वर्षों में करीब 1798 परियोजनाओं ने देश में पर्यावरण मंजूरी सम्बन्धी शर्तों का उल्लंघन किया है. यह जानकारी राज्यसभा में श्रीमती वेदना चौहाण द्वारा पूछे एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है. इन परियोजनाओं में सबसे ज्यादा हिस्सा औद्योगिक परियोजनाओं का है. जिसमें 679 परियोजनाओं में नियमों का उल्लंघन किया गया है. इसके बाद इन्फ्रास्ट्रक्चर और सीआरजेड की 626 परियोजनाएं, कोयले को छोड़कर खनन से जुड़ी 305 परियोजनाएं,...

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कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...

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चमोली आपदा: चिपको आंदोलन की पीढ़ी बेबस होकर गांवों से करना चाहती है पलायन

-डाउन टू अर्थ, “हमने पहले ही चेताया था कि करीब 3500 मीटर की ऊंचाई पर नंदादेवी राष्ट्रीय अभ्यारण्य के पास बांध (डैम) बनाना ठीक नहीं है। अदालतों और लगभग सभी समितियों के चक्कर लगाए गए, उन्हें भी चेताया गया। लेकिन किसी ने हमारी बातों पर ध्यान नहीं दिया। समिति पर समिति बनती रहीं और बांध का बनना भी जारी रहा। अब देखिए यह क्या हो गया।”    उत्तराखंड के चमोली जिले में...

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सचेत करती उत्तराखंड चमोली त्रासदी

-आउटलुक, दुर्घटनाएँ हमें हानि का एहसास तो कराती ही हैं, भविष्य के लिए चेताती भी हैं। किन्तु भारत में जब कोई प्राकृतिक दुर्घटना होती है तो एक बड़ा विमर्श खड़ा तो होता है, परन्तु उसके बारे में हम सतत, सजग एवं जारूक नहीं रह पाते। उत्तराखण्ड में अभी हाल ही में हिमनद फटने से ‘ऋषि-गंगा में आई बाढ़ एवं उससे हुई मानवीय हानि ने हमें झकझोर कर रख दिया है। इस...

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चारधाम समिति के प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- पनबिजली प्रोजेक्ट, सड़क चौड़ीकरण से आई आपदा

-द वायर, उत्तराखंड में चारधाम राजमार्ग परियोजना की निगरानी कर रही उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय को लिखा है कि पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण और सड़क को चौड़ा करने से हिमालयी परिस्थितिकी (इकोलॉजी) को अपूरणीय नुकसान पहुंच रहा है, जिसके कारण चमोली जिले में अचानक बाढ़ रूपी आपदा आई. समिति के अध्यक्ष रवि चोपड़ा ने सर्वोच्च न्यायालय को लिखे पत्र में कहा कि 2013 में केदारनाथ में हुए हादसे के...

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