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जिनके घर शौचालय, उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी सरकार

श्योपुर (मध्यप्रदेश)। जिन किसानों के घरों में शौचालय नहीं और जो खुले में शौच करने जाते हैं, ऐसे किसानों से सरकार गेहूं नहीं खरीदेगी। समर्थन मूल्य पर मध्यप्रदेश सरकार उन्हीं किसानों का गेहूं खरीदेगी जिनके घर में शौचालय होगा। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के रजिस्ट्रेशन करवाते समय ही किसान को घर में शौचालय होने का प्रमाणीकरण देना होगा, तभी उसका पंजीयन होगा। यह पूरी कवायद हर घर में शौचालय...

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एग्री टेक : आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से डिजिटल क्रांति की ओर खेती

विकसित देशों के मुकाबले भारत में कृषि क्षेत्र में बेहद कम तकनीकों का इस्तेमाल होता है. हालांकि, निवेश और नीतिगत इच्छाशक्ति की कमी भी इसके कारक हैं, लेकिन खेती के पिछड़ जाने का बड़ा कारण तकनीकों का अभाव माना जा रहा है. धीरे-धीरे ही सही, पर अनेक प्रयासों से इसमें बदलाव आ रहा है और भारतीय खेती डिजिटाइजेशन की राह पर बढ़ती दिख रही है. आज के आलेख में पढ़िये...

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नई रिपोर्ट का नया नुस्खा- ऐसे बढ़ेगी किसानों की आमदनी..

खेत को पट्टे पर देने के पुराने नियम-कानून बदलिए और देश के ज्यादातर किसान-परिवारों को आमदनी अठन्नी-खर्चा रुपया की हालत से उबारिए. यह सुझाव दिया गया है कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट में.(देखें नीचे की लिंक)   देश की जीडीपी में कृषि के घटते योगदान और घाटे का सौदा मानकर खेती छोड़ते किसानों की समस्या के समाधान के लिए रिपोर्ट में एनडीए सरकार के मॉडल लैंड लीजिंग एक्ट-2016 के...

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मौन जुलूसों के नीचे धधकती आग-- प्रमोद मीणा

किसी के कंधे पर बंदूक रख कर निशाना लगाना क्या होता है, इसकी जीवंत बानगी मराठा आंदोलन है। लाखों की संख्या में मराठा महाराष्ट्र की सड़कों पर मौन जलूस निकाल रहे हैं। इसका तात्कालिक कारण बताया जा रहा है अहमदनगर जिले में एक चौदह वर्षीय मराठा लड़की का बलात्कार और हत्या। इस मामले में अभी तक पकड़े गए तीनों आरोपी दलित हैं। कू्ररता की शिकार इस बालिका को न्याय दिलाने...

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जरूरी है जूट को सरकारी संरक्षण-- पंकज चतुर्वेदी

सीएसीपी यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ताजा सिफारिशें जूट के किसानों के लिए आफत बन सकती हैं। आयोग का कहना है कि चीनी मिलों में शत-प्रतिशत जूट के बोरे के इस्तेमाल की मौजूदा नीति को बंद कर दिया जाए तथा खाद्य पदार्थों में नब्बे फीसद जूट की अनिवार्यता को पचहत्तर फीसद किया जाए। अगर ऐसा हुआ तो बंगाल का जूट किसान भूखों मर जाएगा।   यही नहीं, जूट कारखानों व...

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