गोड्डा/बोआरजोर (झारखंड) : झारखंड के गोड्डा जिले के ललमटिया क्षेत्र के भोड़ाय काेल माइंस साइट में गुरुवार रात आठ बजे धंसे खदान से अब तक सात लाशें निकाली जा चुकी है. एक लाश मलवे में दबी हुई दिखाई दे रही है. 35 से 40 और मजदूरों के दबे होने की आशंका है. मलवे ने निकाली गयी सात में पांच लाशों की पहचान कर ली गयी है. इनमें से एक झारखंड,...
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दिल्ली में प्रदूषण 999 के पार, लोगोें को घरों में रहने की सलाह
नयी दिल्ली : दिल्ली खतरनाक प्रदूषण स्तर के चलते एक ‘‘आपात स्थिति' का सामना कर रही है. केंद्र ने किसानों द्वारा खूंटी जलाने पर अंकुश के लिए सभी पडोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों की सोमवार को एक बैठक बुलाई है जिसने दिल्ली को एक ‘‘गैस चैंबर' बना दिया है. प्रदूषण मांपने का मीटर भी दिल्ली में फेल हो गया. प्रदूषण 999 के पार हो गया . मौसम...
More »जुगाड़ का मोहताज न बने लोकतंत्र - मृणाल पांडे
क्या इसे महज एक संयोग माना जाए कि देश की तकरीबन हर पार्टी और राजनीति में आकंठ निमग्न शीर्ष नेता के कुटुंबों के भीतर और पार्टी के असंतुष्टों के बीच की भीषण तनावमय टूट इन दिनों शर्मनाक झगड़ों में तब्दील हो-होकर चौरस्तों पर बिखर रही है? एक न एक दिन तो यह होना ही था। वजह यह कि गए कई दशकों में जवान होता लोकतंत्र हमारे बीच राजनीति से अर्थनीति...
More »कफन, चिता और सत्याग्रह!-- नासीरुद्दीन
रिचर्ड एटनबरॉ की फिल्म ‘गांधी' में रोंगटे खड़े कर देनेवाले दो-तीन सीन हैं. पहला, दक्षिण अफ्रीका में गांधी जी की अपील पर सत्याग्रह का पहला प्रयोग हो रहा है. अंगरेज फौजी उन्हें बेदर्दी से मारते हैं. घोड़े दौड़ाते हैं. फिर भी वे सत्याग्रह से डिगते नहीं हैं. दूसरा, जालियांवाला बाग में सभा हो रही है. हजारों लोग जमा हैं. अंगरेज फौज आती है. गोलियां चलायी जाती हैं. लोग बचने...
More »परिवहन की मुख्यधारा बनेगा नदियों का प्रवाह- जयंतीलाल भंडारी
सड़कों को तरक्की का मानक बनाने का एक नतीजा यह हुआ कि अपने जलमार्गों को हम भूल गए, जबकि इन्हें प्राकृतिक पथ कहा जाता है। सड़कें हम बनाते हैं, इन्हें तो कुदरत ने बनाया है। यही प्राकृतिक पथ कभी भारतीय परिवहन की जीवन-रेखा हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ आए बदलावों व परिवहन के आधुनिक साधनों के चलते बीती एक सदी में भारत में जल परिवहन क्षेत्र बेहद उपेक्षित...
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