करीब दो सदी पहले 1788 में वारेन हेस्टिंग्स के महाभियोग कार्यवाही के समय एडमंड बर्क ने घोषणा की थी कि ‘घूसखोरी, गंदे हाथ से सने महान साम्राज्य के प्रमुख गवर्नर का गरीब, दीन व पस्तहाल घूस लेना दरअसल किसी सरकार को मानवता की निगाह में गिरा, घृणित व तिरस्कृत बनाता है.’ 1977 में कंट्रोलिंग द ग्लोबल करप्शन ऐपडेमिक एक आलेख में रॉबर्ट एस लेइकन ने बर्क के अभियोग पर कड़ी टिप्पणी की कि ‘आजादी...
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कितना भूखा है मध्यप्रदेश: शिरीष खरे
झाबुआ, मध्यप्रदेश: कुपोषण ने दो दर्जन से ज्यादा बच्चों को निगला है- यह हाल आदिवासी जिले झाबुआ का है, जहां मेघनगर ब्लाक के अगासिया और मदारानी गांवों में बच्चों की मौत का सिलसिला है कि टूटता ही नहीं। फिलहाल पूरा मध्यप्रदेश ही इतना भूखा है कि यहां न जाने क्यों भूख का नामोनिशान है कि मिटता ही नहीं ?केवल अक्टूबर में ही झाबुआ के इन 2 गांवों से 25 बच्चों...
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खास बात • ट्रांसपेरेन्सी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स(साल २०14) में भारत १७5 देशों के बीच ८५ वें पादान पर रखा गया था। साल 2010 के इंडेक्स में भारत फिसलकर 87 वें स्थान पर जा पहुंचा था।* • साल २००६-०७ में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों ने ८८३ करोड़ रुपये बुनियादी सेवाओं को हासिल करने के लिए घूस में चुकाये।** • साल २००६-०७ में भारत के सबसे गरीब...
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