-द क्विंट, उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ नई नौकरियां, राज्य में बड़े बदलाव की शुरुआत है? कम से कम नए सपनों/वादों के बारे में सोचकर/सुनकर अच्छी फीलिंग आती है. एक करोड़ नई नौकरियां, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले चार साल में एक ट्रिलियन डॉलर का बनाने का लक्ष्य, एक जिला-एक प्रोडक्ट, 30 लाख प्रवासी मजदूरों के रोजगार का इंतजाम- ये सारे बड़े-बड़े वादें हैं जिससे लोगों का कितना भला होगा, पता...
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कोविड-19 लॉकडाउन : गुजरात में प्रवासी मज़दूरों पर दर्ज मामले ‘मानव अधिकारों का उल्लंघन हैं’
-न्यूजक्लिक, 18 मई को, गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में 35 प्रवासी श्रमिकों को कथित तौर पर दंगा, पथराव और बर्बरता का तांडव करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया था। करीब 100 प्रवासी मज़दूर लॉकडाउन में घर वापस भेजने के इंतजाम की मांग करते हुए पुलिस से भिड़ गए थे। उनमें से पैंतीस मज़दूरों को महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए हिरासत में ले लिया...
More »बाड़मेर के ग्रामीणों की पहल, पक्षियों के दाना-पानी के लिए टिन के डब्बे को दिया नया रूप!
-द बेटर इंडिया, मई के अंतिम हफ्ते में राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित भारत के कई हिस्सों में प्रचंड गर्मी थी। जिससे दिन का तापमान सामान्य से काफी ऊपर पहुँच गया था। दिल्ली में अधिकतम तापमान 47 डिग्री दर्ज किया गया जबकि राजस्थान के चुरू में तापमान 50 डिग्री तक पहुँच गया। राज्य में सिर्फ चुरू ही अधिक प्रभावित क्षेत्र नहीं था। अधिकांश शहरों में तापमान 45 डिग्री...
More »जलवायु परिवर्तन और बेमौसम बरसात के कारण भारत के कई राज्यों में टिड्डियों के हमलों में बढ़ोतरी
कोविड-19 लॉकडाउन के बीच, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मई 2020 की दूसरी छमाही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंड देखे गए हैं. हाल ही में रेगिस्तानी टिड्डियों के झुंडों द्वारा किए गए हमलों ने इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फसलों, मवेशियों के चरागाहों और हरी वनस्पतियों को नुकसान पहुंचाया है. एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, 25 मई, 2020 तक राजस्थान के...
More »किसानों को पैकेज और अध्यादेशों से कोई फायदा नहीं
-आउटलुक, आजादी के बाद पिछले 70 साल से किसान घाटे का सौदा कर रहे हैं। एक तरफ उसकी जोत कम हो रही है, दूसरी तरफ उत्पादन की लागत बढ़ रही है। लेकिन उन्हें उपज बेचने पर लागत भी नसीब नहीं होती है। हर सरकार किसानों की पीड़ा का जिक्र चुनाव प्रचार में तो करती है, लेकिन जीतने के बाद पांच साल के लिए किसानों को भूल जाती हैं। जहां कोरोना से...
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