जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...
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पानी बचाने की मुहिम में जुटा पुलिस अफसर ।। राजेंद्र कुमार ।।
* हजारीबाग के रहनेवाले हैं आइपीएस महेंद्र मोदी - न कोई संस्था, न परचा-पोस्टर और न समाज सेवा के नाम पर इधर-उधर से पैसा झटकने की तिकड़म. यह एक सेवारत आइपीएस अफसर का जुनून है, जिसने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड से लेकर राजस्थान तक जल संकट से जूझ रहे ग्रामीणों को पानी बचाने के अभियान से जोड़ा और संकट को दूर किया. अब वह पानी बचाने के अपने इस मुहिम को अन्य राज्यों...
More »जल विद्युत का तांडव- भरत झुनझुनवाला
केंद्र सरकार समेत सभी पहाड़ी राज्यों की सरकारें देश की सभी नदियों पर जल विद्युत के उत्पादन के लिए बांध बनाने को संकल्पित हैं. इनका मानना है कि इन परियोजनाओं से आर्थिक लाभ ज्यादा है. आर्थिक विकास का दबाव इतना अधिक है कि आर्थिक लाभ के लिए पर्यावरण ही नहीं, कानून को भी ताक पर रख कर परियोजनाएं बनायी जा रही हैं. इसका एक उदाहरण उत्तराखंड में अलकनंदा नदी पर बनायी जा...
More »इजराइल की मदद से भारत में होगी बारिश, खर्च होंगे 12 करोड़- विनोद यादव
मुंबई। मुंबई को पानी आपूर्ति करने वाले जलाशय परिसर में इस वर्ष अब तक संतोषजनक बारिश न होने की वजह से गुरुवार को मुंबई मनपा ने भातसा और वैतरणा जलाशय क्षेत्र में कृत्रिम बारिश कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए 12 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। मुंबई मनपा आयुक्त सिताराम कुंटे ने बताया कि कृत्रिम वर्षा 1 से 30 सितंबर के बीच कराई जायेगी। इस काम में इजराइल की कंपनी निकोरेट...
More »गंगा के गुनहगार- स्वामी आनंदस्वरुप
जनसत्ता 12 जुलाई, 2012: गंगा का नाम लेने मात्र से पवित्रता का बोध होता है। यह देश की एकता और अखंडता का माध्यम और भारत की जीवन रेखा के अतिरिक्त और बहुत कुछ है। गंगा जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी दोनों है। आज भी लगभग तीस करोड़ लोगों की जीविका का माध्यम है। मगर पिछली डेढ़ सदी से गंगा पर हमले पर हमले किए जा रहे हैं और हमें जरा भी अपराध-बोध नहीं...
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