जनसत्ता 7 अगस्त, 2012: मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबद्ध संसदीय समिति की रिपोर्ट बताती है कि शिक्षा अधिकार के कार्यान्वयन के लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग को बजट की निर्धारित राशि का केवल साठ फीसद दिया गया है। इसका मतलब यह है कि शिक्षा अधिकार योजना को इस साल पंद्रह हजार करोड़ रुपयों की कमी पडेÞगी। योजना की जरूरतों और बजटीय आबंटन के इस अंतर को देखते हुए संसदीय समिति ने...
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विकास का पैसा कहां जाता है- विनीत नारायण
राज्य सरकारों ने 'वाटरशेड’ कार्यक्रम की जो रिपोर्ट भेजी है, उससे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सहमत नहीं हैं। बंजर भूमि, मरूभूमि और सूखे क्षेत्र को हरा-भरा बनाने के लिए केंद्र सरकार हजारों करोड़ रुपये राज्य सरकारों को देती आई है। लेकिन जिले के अधिकारी और नेता मिलीभगत से सारा पैसा डकार जाते हैं। झूठे आंकड़े राज्य सरकारों के माध्यम से केंद्र सरकार को भेज दिए जाते हैं। आईआईटी के पढे़ श्री रमेश को कागजी...
More »मायाराज में दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार
नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश में मायावती के शासन के दौरान 2010 में अनुसूचित जातियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ। अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार के मामलों में मध्यप्रदेश सबसे आगे रहा। गृह मंत्रालय की 2011-12 की सालाना जारी रिपोर्ट के अनुसार 2010 में अनुसूचित जातियों पर अत्याचार के मामलों में 2009 के मुकाबले 2.6 प्रतिशत की कमी आई है। देशभर में 32,712 मामले दर्ज हुए। इनमें से 19.2 प्रतिशत (6,272) मामले उत्तर प्रदेश में...
More »मुंगेर की इस महिला ने मुंबई में बजा डाला बिहार का डंका
मुंगेर.मुम्बई के सांताक्रूज स्थित हयात ग्रांड होटल में विगत शनिवार को बिहार के मुंगेर जिले के धरहरा की की जया देवी को जब वॉलीवुड की डीमगर्ल हेमा मालिनी ने 'ग्रीन वूमेन' ट्रॉफी देकर सम्मानित किया तो उसकी आंखें ख़ुशी से डबडबा गयीं। यह ट्रॉफी जाया को सीएनएन-आईबीएन चैनल की ओर से प्रदान की गयी। गौरतलब है कि चैनल हर साल सामाजिक क्षेत्र में विशेष कार्यों के लिए खास लोगों को सम्मानित करता...
More »भूमंडलीकरण का शब्दजाल- सुनील
साहित्य में कबीर की उलटबांसियां प्रसिद्ध हैं। गहरे से गहरे दार्शनिक रहस्यों को बताने के लिए कबीर जीवन के कुछ ऐसे विरोधाभासों का सहारा लेते हैं, जिनमें ऊपर से कुछ और दिखाई देता है, किंतु अंदर कुछ और होता है। वैश्वीकरण के साथ ही दुनिया में एक नई शब्दावली आई है, जो कुछ-कुछ उलटबांसियां जैसी ही हैं। जैसे वैश्वीकरण, भूमंडलीकरण, जगतीकरण या जागतिकीकरण को ही लें, जो ग्लोबलाइजेशन के विविध...
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