विधानमंडल. हर प्रखंड के पांच-पांच चापाकलों की मापी : मंत्री दक्षिण बिहार के 17 जिलों में मार्च, 2014 व मार्च, 2015 की तुलना में भूगर्भ जल स्तर में दो फुट की गिरावट आयी है. इसमें नालंदा, पटना, गया, नवादा, लखीसराय, रोहतास, नवादा और औरंगाबाद जिले शामिल हैं. पटना : लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण(पीएचइडी) मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने बताया कि सरकार के सुशासन के कार्यक्रम के तहत...
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बंगाल-- सरकारी स्कूलों में कृमि की दवा खाकर 500 से अधिक बच्चे बीमार
हल्दिया/कोलकाता : कृमि की दवा खाकर पूर्व मेदिनीपुर व दक्षिण 24 परगना जिले के कई स्कूलों के 500 से अधिक बच्चों के बीमार होने की खबर है. गंभीर रूप से अस्वस्थ बच्चों को विभिन्न अस्पतालों में भरती करवाया गया है. घटना से नाराज अभिभावकों ने प्रदर्शन किया. तमलुक में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किया गया. अभिभावक खौफजदा हैं. जानकारी के अनुसार, बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर के साथ दक्षिण 24 परगना के...
More »धर्म, समाज और स्त्री-- सुभाष गताडे
परंपरा की दुहाई देते हुए या आस्था की बात करते हुए क्या समाज के एक हिस्से के साथ प्रगट भेदभाव किया जा सकता है? यह मसला महिलाओं के प्रार्थना-स्थल तक या उसके सबसे ‘पवित्र हिस्से' तक पहुंचने के बहाने उठता रहा है। अभी ज्यादा दिन नहीं बीते, जब महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का शनि शिंगनापुर मंदिर हंगामे की वजह बना। पुणे के एक सामाजिक संगठन की महिलाओं ने वहां पहुंच...
More »राजस्थान से ज्यादा सूखा असम में-- नई रिपोर्ट
‘ एक समंदर ने हंसकर कहा हमें पानी पिला दीजिए '-यह सिर्फ कविता की पंक्ति नहीं बल्कि देश के पूर्वोत्तर के हिस्से के लिए अब एक सच्चाई है. एक नये अध्ययन में सामने आया है कि भरपूर बारिश के लिए मशहूर पूर्वोत्तर में शुष्क और अर्द्ध-शुष्क करार दिए गए पश्चिमी भारत की तुलना में सूखा पड़ने की आशंका दोगुना ज्यादा है.(देखें लिंक) अध्ययन के अनुसार साल 2000 से 2014 के बीच 15...
More »हमारी संवेदना का अकाल-- योगेन्द्र यादव
अकेले नहीं आता अकाल. पानी, प्रकृति और समाज के देशज चिंतक अनुपम मिश्र के लेख का यह शीर्षक अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. कुदरत सूखा देती है, अकाल नहीं. हर चौथे-पांचवें साल हमारे देश में बारिश की कमी होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे अन्न की कमी हो, पीने के पानी का संकट हो, इंसानों और मवेशियों की जान पर बन आये, खेती-किसानी से जुड़े हर...
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