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ग्रामीण भारत में कोरोनावायरस-39: लॉकडाउन से बिहार के बैरिया गांव के लोगों की आय और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हुई

-न्यूजक्लिक,  यह एक जारी श्रृंखला की 39वीं रिपोर्ट है जो ग्रामीण भारत के जीवन पर कोविड-19 से संबंधित नीतियों से पड़ने वाले प्रभावों की झलकियाँ प्रदान करती है। सोसाइटी फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक रिसर्च की ओर से जारी इस श्रृंखला में विभिन्न विद्वानों की रिपोर्टों को शामिल किया गया है, जो भारत के विभिन्न हिस्सों में गांवों के अध्ययन को संचालित कर रहे हैं। रिपोर्ट उनके अध्ययन में शामिल गांवों में...

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कोई तूफान यों ही गुजर नहीं जाता है

-न्यूजलॉन्ड्री, तब ‘अम्फान’ आ कर गुजर गया था; अब ‘निसर्ग’ आ कर गुजर गया है. राहत की आवाज सुनाई दे रही है कि चलो, गुजर गया. हिसाब यह लगाया जा रहा है कि ‘अम्फान’ ओडिशा से कट कर निकल गया; ‘निसर्ग’ ने मुंबई के चेहरे पर कोई गहरी खरोंच नहीं डाली. तूफान कमजोर पड़ गया. कैसे इसका हिसाब लगाया आपने कि तूफान कमजोर पड़ गया? जवाब तुरंत आता है: मौत के...

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पहले खेती करतीं हैं, फिर उस फसल की प्रोसेसिंग घर पर कर मार्केटिंग भी करतीं हैं यह किसान!

-द बेटर इंडिया, इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से अधिक काम करतीं हैं। फिर भी हमारे यहाँ किसान शब्द को सदैव पुरुषों से ही जोड़ा गया है। लेकिन अब तस्वीर बदलने लगी है और सदियों से पुरुष-प्रधान रहे इस क्षेत्र में महिला किसान अपने हुनर से एक अनोखी और अनूठी पहचान बना रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब...

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चना, अरहर और मक्का किसानों को नहीं मिल रहा समर्थन मूल्य, सरकारी खरीद नाममात्र की

-आउटलुक, मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत दलहन और तिलहन की खरीद सीमित मात्रा में होने के कारण किसानों को चना, अरहर, मक्का और सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से 300 से 1,075 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे भाव पर बेचनी पड़ रही है। केंद्र सरकार पीएसएस के तहत दलहन और तिलहन की खरीद कुल उत्पादन का 25 फीसदी तक करती है। नेफेड अरहर, चना और सरसों की खरीद कर भी...

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लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...

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