- इलिना सेन (सामाजिक कार्यकर्ता और डॉ बिनायक सेन की पत्नी ) आज, एक तरफ मैं बहुत खुश हूं और राहत की सांस ले रही हूं कि इस कठिन परीक्षा का यह हिस्सा लगभग समाप्त हो गया है. वहीं दूसरी ओर मैं बहुत बेचैन भी हूं- हमने देखा है कि राज्य का व्यवहार कितना शत्रुतापूर्ण रहा है. लेकिन हमने जिस तरह का जीवन बिताया है, न तो उसके बारे में कोई...
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8वीं के बाद लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते गांव वाले
कालका. कालका दून क्षेत्र का खोल फतेह सिंह गांव ऐसा गांव है, जहां के ग्रामीण बेटियों को 8वीं के बाद स्कूल भेजते ही नहीं। खोल फतेह सिंह गांव की सभी लड़कियां आठवीं के बाद स्कूल नहीं गईं। कुछ युवा 8वीं से आगे पढ़े ही नहीं हैं। खोल फतेह सिंह गांव के गिनती के मात्र 25 बच्चे लगभग सात किलोमीटर दूर पैदल जंगल के रास्ते से नानकपुर गांव में पढ़ने जाते हैं।...
More »सरकार हिली देश हिला...इंटरनेट पर अन्ना का 'जलजला'
विश्वकप में ऐतिहासिक जीत कर देश जिस अंदाज में एकजुट होकर सड़कों पर जश्न मनाने उतरा था ठीक उसी अंदाज में तीन दिन बाद यानी 5 अप्रैल को देश फिर से एक हुआ लेकिन इस बार जश्न मनाने नहीं बल्कि भ्रष्टाचार को मिटाने। जनलोकपाल बिल को लागू कराने के लिए अन्ना हजारे ने पांच अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरु किया और देशभर में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जनआंदोलन खड़ा हो...
More »रेत की रग-रग में सहेज लेते हैं पानी की बूंदें
जयपुर/जैसलमेर. जैसलमेर में लोग रेत की रग-रग में पानी की बूंदें सहेजना जानते हैं। पानी की हर बूंद के उपयोग की परंपरा यहां सदियों पुरानी है। लोग खाट पर बैठकर नहाते हैं। नीचे इकट्ठा किए पानी को घर व बर्तन धोने जैसे कामों में लेते हैं। तीन तरह का पानी रखते हैं। पीने के लिए मीठा। रसोई के लिए कम खारा और अन्य कामों के लिए खारा। करीब हर घर में...
More »दयनीय दशा में बच्चे- स्टेट ऑव द वर्ल्ड चिल्ड्रेन 2011
अगर जानना चाहें कि कोई देश प्रगति के किस मुकाम तक पहुंचा है तो पैमाना बनाइए उस परिवेश को जिसमें वहां बच्चे बड़े हो रहे हैं। परिवेश कुपोषण, भुखमरी, अस्वास्थ्यकर अड़ोस-पड़ोस और जबरिया बाल-मजदूरी का हो तो देश को प्रगति के क्रम में बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।द स्टेट ऑव वर्ल्ड चिल्ड्रेन रिपोर्ट के तथ्यों से पता चलता है कि विश्व के भावी नागरिकों के हक में बड़ा कम निवेश किया जा रहा है।...
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