राज्य का विकास कैसे हो, यह वहां की सरकार की प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है. बिहार विकास के मामले में देश के अन्य राज्यों से पीछे है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव आया है. बिहार और झारखंड को विकास के लिए विशेष दरजा दिया जाना चाहिए. बिहार सरकार की यह मांग जायज भी है, क्योंकि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में संसाधन नहीं के बराबर रह गये. इसके...
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कटते जंगल किसका मंगल- मुस्कान
जनसत्ता 8 फरवरी, 2014 : विकास के पूंजीवादी-नवउदारवादी मॉडल की कुछ खास तरह की जरूरतें होती हैं। या कहें कि यह मॉडल आर्थिक संवृद्धि के एवज में कुछ खास बलिदानों की मांग करता है। हम देखते हैं कि भारत सरीखे अधिकतर विकासशील देश इन बलिदानों के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। अब सवाल है कि विकास की प्रचलित अवधारणा किन बलिदानों की मांग करती है? और ये बलि के बकरे...
More »महिला मजदूरों से भरी नाव डूबी- मनीष शांडिल्य
बिहार के बक्सर जिले में मंगलवार की शाम महिला मजदूरों से भरी एक नाव गंगा नदी में डूब गई। इसमें नाविक, एक पुरुष और 20 महिलाओं व लडकियों समेत कुल 22 लोग सवार थे। बक्सर के एसपी बाबू कुमार के अनुसार, इनमें से 13 लोगों को ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित बचा लिया गया है। बुधवार सुबह तक तीन शवों को नदी से निकाला जा चुका है। जबकि लापता लोगों की तलाश के...
More »बिहार की नदियों को जोड़ने की डीपीआर तैयार
पटना: बिहार देश में नदी जोड़ परियोजना का पहला उदाहरण बनने जा रहा है. तीन साल की मशक्कत के बाद केंद्र सरकार ने बिहार की पहली परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) स्वीकार कर लिया है. यह परियोजना है बूढ़ी गंडक, नोन, बाया और गंगा नदियों को जोड़ने की. इस परियोजना की लागत करीब 4600 करोड़ आयेगी. राज्य सरकार को उम्मीद है कि पूरी लागत राशि का वहन केंद्र सरकार करेगी....
More »बालू के बवंडर से बदला फैसला
बालू ही नहीं डेढ. दर्जन से अधिक ऐसे लघु खनिज हैं, जिस पर सीधा हक ग्रामसभा व पंचायत का बनता है. अगर कोई सरकार बड़ी कंपनियों के माध्यम से इसकी नीलामी कर इसके निजीकरण की दिशा में कदम बढ़ती है, तो यह कोशिश ही संविधान की मूल भावना पर चोट है. अगर राजस्व संग्रह, कानून व्यवस्था और पर्यावरण अनुमति का सवाल है, तो यह राज्य सरकार का काम है और...
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