-वाटर पोर्टल, जिसके बिना प्रत्येक जीव का जीवित रह पाना असंभव है, पृथ्वी पर पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण संसाधन है. जल, जल को अंग्रेजी भाषा में वाटर और भारतीय आम भाषा में पानी कहकर संबोधित करते हैं. जल दो तत्वों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से मिल कर बना है.जी हां दोस्तों, आज का हमारा लेख पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जीवित प्राणियों के जीवन में अहम स्थान रखने वाले संसाधन...
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महामारी के दौर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण
-न्यूजलॉन्ड्री, रूपक हमें किसी भी बोध के लिए विशेषण सुझाते हैं. भारत बमुश्किल अभी भिखारियों, सपेरों, और राजाओं के देश के रूपक की केंचुली उतार ही पाया था, कि अब वो ताली, थाली और दिए से एक वायरस से लड़ने की सोचने वाले देश के रूपक में जकड़ गया. भारत की तमाम वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियां उस प्रतिछवि से ग्रस्त हो जाती हैं, गो-कोरोना-गो के चिल्लाने, और गोमूत्र एवं गोबर के...
More »मौत और पत्रकारिता: भारत में कोविड से मौत के आंकड़े कम बताए गए, क्या बंटवारे से दोगुनी मौतें हुईं
-द प्रिंट, इस सप्ताह, कॉलम का विषय चुनने के लिए मैंने गूगल पर ‘मौत और पत्रकारिता ’ (डेथ एंड जर्नलिज्म) शीर्षक से सर्च किया. मजे की बात यह है कि इसमें शुरू की 20 में से 19 इंट्री पत्रकारिता ‘की’ मौत के बारे में थीं. मैं अपने स्वार्थवश यह भी बता दूं कि इनमें से दो इंट्री यह कह रही थी कि यह कहना गलत है कि पत्रकारिता की मौत हो चुकी...
More »"हम मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों के गवाह बन रहे हैं"
-न्यूजलॉन्ड्री, उत्तर प्रदेश में 2017 में सांप्रदायिक रूप से एक बहुत ही बंटे हुए चुनावी अभियान के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मैदान में उतरे तो हालात की उत्तेजना और बढ़ गई. एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने राज्य सरकार पर - जो एक विपक्षी दल के हाथ में थी - आरोप लगाया कि वह श्मशानों की तुलना में कब्रिस्तानों पर अधिक खर्च करके मुसलमानों को खुश कर रही है....
More »कोरोना काल: कठिन प्रश्नों के सरल जवाब
-न्यूजक्लिक, कोरोना कहर ढा रहा है। चार लाख नये मरीज हर रोज तक हो गये हैं। अगर सरकार चाहेगी तो उसको चार लाख से आगे बढ़ने देगी और अगर चाहेगी तो उसे यहीं पर रोक देगी। पहली लहर के समय में भी सरकार ने कोरोना के मरीजों को एक लाख से नीचे ही रोके रखा था और इस बार भी सरकार जब चाहे कोरोना के मरीजों को बढऩे से रोक सकती...
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