सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी के शौचालय अब आम लोग भी इस्तेमाल कर पायेंगे. शौचालय का इस्तेमाल निर्धारित शुल्क जमा कर सुबह दस एवं शाम पांच बजे के बाद किया जा सकेगा. इसके संबंध में झारखंड शिक्षा परियोजना के राज्य कार्यालय ने सभी जिलों को पत्र भी भेजा है. डीएसइ सह डीपीओ से एक सप्ताह के अंदर शौचालय विहीन, बालिका शौचालय विहीन एवं पेयजल विहीन स्कूलों की सूची मांगी गयी है. यह सूची...
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महिलाओं के हाथ में गांव का पानी प्रबंधन
राजधानी रांची से सटी पंचायत है खिजरी. नामकुम प्रखंड क्षेत्र में आने वाली इस पंचायत के नया टोला की आरती देवी की जिंदगी अब घर-परिवार व बच्चों तक सीमित नहीं है. आरती अब गांव में जल प्रबंधन का काम देखती हैं. उनके सरोकार अब एक सामान्य गृहिणी से बडे हैं. वे लोगों को पानी का बिल भी थमाती हैं और शुल्क की वसूली भी करती हैं. दरअसल उनके यहां ग्रामीण पेयजलापूर्ति योजना...
More »पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर का पानी!
आगरा. आगरा और मथुरा के घरों में आ रहे पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर है। इसे साफ कर ‘जहरीला’ पेयजल के रूप में परोसा जा रहा है। सिंचाई विभाग के रिकॉर्ड से चौंकाने वाली बात सामने आई है। रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले सप्ताह यमुना में दिल्ली चला 101 क्यूसेक पानी मथुरा के...
More »पानी के लिए 2354 करोड़ का प्रोजेक्ट, सीएम ने किया वादा
पटियाला। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने स्वतंत्रता दिवस पर लोगों से स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि सूबे के सभी दरियाओं के पानी को साफ करने के लिए 2354 करोड़ का विशेष प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इससे इंडस्ट्री और शहरों का सीवरेज सतलुज, ब्यास, घग्गर नहीं बहेगा। बादल ने बताया कि 44 शहरों, कस्बों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके बाद बादल ने राज्यों के...
More »बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ
विकास योजनाओं को धरातल पर लाने में गांवों में नियुक्त जल सहिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है. झारखंड में प्रत्येक राजस्व गांव में ग्राम स्तर पर पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक राजस्व गांव में एक जल सहिया की नियुक्ति की गयी है. स्थानीय स्तर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने व गांव को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है. इसके अलावा अन्य...
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