भोजन का अधिकार जीने के अधिकार से जुड़ा हुआ है और संविधान का अनुच्छेद 21 सभी नागरिकों को जीने का अधिकार प्रदान करता है। इस लिहाज से प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक स्वागतयोग्य है। पिछले दो दशकों में भारत में भूख एक बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। 1991 में जब आर्थिक सुधार कार्यक्रम शुरू किए गए थे, तब प्रति व्यक्ति भोजन की खपत 178 किलोग्राम थी, जो 2003 में...
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लोकायुक्त के दायरे में सीएम से लेकर लोकसेवक
पटना। बिहार सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और कदम बढ़ाते हुए सशक्त लोकायुक्त के गठन का फैसला किया है। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त के गठन के वादे को पूरा करना है। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में मंगलवार को मजबूत लोकायुक्त अधिनियम के प्रारूप को मंजूरी दे दी है। इस मामले में 22 नवंबर तक...
More »महाघोटाले की 'जमीन'- शिरीष खरे(तहलका)
किस तरह जयपुर में 1500 करोड़ रुपये की सरकारी जमीन को प्रशासनिक अधिकारियों और बड़े रसूख वालों की आवासीय कॉलोनी में बदलने के लिए एक नहीं बल्कि दर्जनों नियम तोड़े गए. शिरीष खरे की रिपोर्ट जयपुर के पॉश इलाके से गुजरते हुए शहर को जोड़ने वाला सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है जेएलएन मार्ग. यहां जमीनों के भाव आसमान छूते हैं. यहीं गुलाबी शहर के सबसे कीमती इलाके जवाहर सर्किल से सटी है...
More »आठ हजार क्विंटल धान की खरीद
रायपुर। छत्तीसगढ़ में चालू विपणन मौसम के दौरान अब तक आठ हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीददारी हुई है। राज्य में खरीफ मौसम की यह खरीददारी इस महीने की पाच तारीख से शुरू हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यहा बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए लगभग साढ़े तीन माह तक चलने वाला विशेष खरीद अभियान पाच नवंबर...
More »भारत और इंडिया का फर्क- सुनील खिलनानी
हमारा यह कहना सही है कि भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान और वैश्विक कारोबार में अपनी ऐतिहासिक हिस्सेदारी को फिर से प्राप्त कर रहा है। लेकिन इसके साथ-साथ कुछ अन्य अहम तथ्यों पर गौर करने की जरूरत है। उदाहरण के लिए, गरीबी खत्म करने, जनकल्याण के लिए कुछ मूलभूत सुविधाएं जुटाने और नए खतरों को कम करने की क्षमता अब हमारे भीतर है। यह क्षमता होने के बावजूद हमने...
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