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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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भर पेट मिलेगी चावल-रोटी

कार्यालय प्रतिनिधि, शिमला : महंगाई की आग की तपिश से परेशान उपभोक्ताओं जल्द राहत मिल सकती है। प्रदेश में ओपन मार्केटिंग स्पेशल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत उपभोक्ताओं को डिपुओं में और सस्ती दर पर आटा व चावल मिलेगा। सरकार ने यह निर्णय लोगों का रुझान डिपुओं में राशन लेने के लिए और अधिक आकर्षित करने के लिए लिया है। डिपुओं में सभी श्रेणियों के कार्डधारकों को ओएमएसएस के तहत और अधिक सस्ती दर पर चावल व...

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छात्रों को एजूकेशन लोन पर राहत

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने उच्च शिक्षा हासिल करने के इच्छुक गरीब छात्रों के लिए एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह ऐसे छात्रों के लिए एजूकेशन लोन पर ब्याज सब्सिडी योजना लागू करें। इस बारे में सभी कामर्शियल बैंकों के प्रमुखों को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय ने पत्र लिखा है। इसमें बैंकों से कहा गया है कि वे इस योजना को लागू करने के लिए...

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नरेगा श्रमिकों को कार्यस्थल पर मिलेगा भुगतान

चित्तौडग़ढ़, २३ मई (प्रासं)। महानरेगा श्रमिकों को मेहनताने में देरी व अनियमितताओं की समस्या से जल्द राहत मिलेगी। श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान अब डाकघर से सीधा कार्यस्थल पर लाया जाकर मौके पर हाथों हाथ बांट दिया जाएगा। महानरेगा श्रमिकों को मेहनताने के लिए अब तक कई कई दिन इंतजार करना पड़ता था। सकरार की ओर से भुगतान की व्यवस्था डाकघर एवं बैंक के माध्यम से की हुई है। इसके लिए श्रमिकों के खाते भी बैंक एवं...

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