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‘लोकपाल बिल पर बाबा के रवैये की आलोचना, अन्ना का समर्थन’

नई दिल्ली. बाबा रामदेव और समाजसेवी अन्ना हजारे में प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल के दायरे में लाने को लेकर मतभेद हैं। लेकिन भास्कर डॉट कॉम के पाठकों ने इस मुद्दे पर समाजसेवी अन्ना हजारे का समर्थन किया है  और बाबा की आलोचना करते हुए कहा है कि  बाबा कभी- कभी सरकार और कांग्रेस की भाषा बोलने लगते हैं। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री को भी लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए।...

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फिर सड़क पर आएगा ‘लोकपाल’, अड़ी सिविल सोसाइटी, सरकार तैयार नहीं

नई दिल्ली लोकपाल बिल ड्राफ्टिंग कमेटी की सोमवार को हुई बैठक में तीखे मतभेद उभरे, जब सरकार ने प्रधानमंत्री, उच्च न्यायपालिका और सांसदों के संसद में किए गए कार्यो को इसके दायरे में लाने का विरोध किया। इस पर सिविल सोसाइटी ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए समिति का बहिष्कार कर फिर से सड़क पर आने की चेतावनी दी है। अन्ना हजारे ने कहा है कि 30 जून के बाद ड्राफ्टिंग...

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पीएम की भी नहीं सुनी बाबा ने, अनशन पर अटल

नई दिल्‍ली/ भोपाल. भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अनशन पर बैठने को तैयार योग गुरू बाबा रामदेव को मनाने की हर कोशिश नाकाम होती दिख रही है। रामदेव पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस अपील का भी असर नहीं पड़ा है, जिसमें बाबा से4 जून से प्रस्‍तावित अनशन की जिद छोड़ने को कहा गया था। पीएम ने रामदेव को यह समझाने के लिए वित्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी को बतौर दूत भेजा कि सरकार...

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ग्रेनो: हाईकोर्ट ने किया जमीन अधिग्रहण रद्द, चंदौली में किसानों ने सजाईं चिताएं- विजय उपाध्याय

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महीने में लगातार अपने तीसरे आदेश में ग्रेटर नोएडा में तत्काल महत्व की औद्योगिक जरूरतों के नाम पर 170 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। इस बार दादरी तहसील के गुलिस्तापुर के 550 किसानों को राहत मिली है। सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुनील अंबवानी व न्यायमूर्ति केएन पांडेय की खंडपीठ ने 58 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 2007-08 में ग्रेटर नोएडा के...

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अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत

विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...

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