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दवा पीने से 12 विद्यार्थी बीमार

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के जफराबाद क्षेत्र स्थित एक स्कूल में आज पेट के कीड़े मारने के लिये आशीर्वाद स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत पिलाई गयी दवा के सेवन से 12 बच्चे बीमार हो गये. मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर टी. एन. मिश्र ने यहां बताया कि धर्मापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तीन सदस्यीय टीम आशीर्वाद स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सुलतानपुर में 122 बच्चों को पेट के...

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दिमागी बुखार का कहर : 14 बच्चे मरे

गोरखपुर : पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार का कहर जारी है और पिछले 36 घंटे में इस बीमारी से 14 और बच्चों की मौत हो गयी. गोरखपुर मण्डल के अपर स्वास्थ्य निदेशक एस. के. श्रीवास्तव ने यहां बताया कि बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में आज दिमागी बुखार :जापानी इंसेफेलाइटिस तथा एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम: से दो और बच्चों की मौत हो गयी. कल और परसों इस बीमारी से कुल 12 बच्चों...

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पांच दिनों में 36 शिशुओं की मौत

कोलकाता: महानगर के बीसी राय शिशु अस्पताल में बीते कुछ दिनों से जारी मौत के सिलसिले पर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है. शनिवार को आधिकारिक रूप से मौत की घटना की पुष्टि की गयी. अस्पताल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ त्रिदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि गत पांच दिनों में बीसी राय अस्पताल में 36 शिशुओं की मौत हुई . उन्होंने बताया कि शिशुओं...

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‘ऐसे कानून के लिए हम विकास दर बढ़ने का इंतजार करते रहें, यह जरूरी तो नहीं’

खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कॉरपोरेट जगत इस पर चिंतित है. अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, रेवती लॉल को बता रहे हैं कि क्यों देश को इस कानून की जरूरत है और इसमें कौन-सी खामियां हैं जो दूर होनी चाहिए. खाद्य सुरक्षा विधेयक ने तमाम आशंकाएं पैदा कर दी हैं. पहली आशंका यह है कि देश के...

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गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल

गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...

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