कुछ महीने पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा दी गयी रपट के अनुसार, भारत के विकास में कुछ विदेशी धन से पोषित एनजीओ बाधा बन रहे हैं. एनजीओ द्वारा प्राप्त धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार ने हाल में आदेश दिया है कि इनके द्वारा 20,000 से अधिक का भुगतान चेक द्वारा ही किया जायेगा. ऐसा करने से एनजीओ के लिए धन का गैरकानूनी उपयोग करना कठिन हो जायेगा. तमाम देशों में...
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बड़े सवालों से मुंह छुपाता वाम- उर्मिलेश
चुनावी विफलताओं से उपजी हताशा और अपनी निष्क्रियता के चलते काफी लंबे समय से देश के पारंपरिक वामपंथी दल राष्ट्रीय-चर्चा से लगभग बाहर हैं. इधर, अचानक मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में महासचिव प्रकाश करात और पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी के पक्ष-विपक्ष की दलबंदी के चलते वाम-राजनीति की एक खास बहस सामने आयी है. यह प्रमुखत: गंठबंधन की राजनीति को लेकर है. लेकिन इस बहस में वे सवाल कहीं नहीं...
More »विकास को उल्टी दिशा में न मोड़ें- सुभाषिनी अली
पिछले हफ्ते दो रिपोर्टें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें कई वर्षों के बाद भारत के गरीबों, महिलाओं और बच्चों की स्थिति के बारे में कुछ ऐसे आंकड़े छपे, जिनसे कुछ आशा पैदा हुई। वर्षों से भारतीय बच्चों के बारे में यही सच्चाई बार-बार सामने आती थी, कि उनमें से तकरीबन आधे कुपोषण के शिकार हैं। यूनिसेफ और महिला व बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, 2005-07 में...
More »काली कमाई की पेचीदगियां - संजय कपूर
आखिर देश का काला धन कहां पर है? विदेशों में जमा काले धन को देश में लाने में यूपीए सरकार की नाकामी पर आंदोलन करने वालों ने हमें बताया था कि यह पैसा स्विट्जरलैंड या दूसरे 'टैक्स हेवंस" में जमा है। ये संकेत भी दिए गए थे कि अगर इस रकम को भारत ले आएं तो वह तमाम गरीबी व पिछड़ेपन को दूर कर सकती है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक...
More »विकास के कई मानकों में दुनिया से बहुत पीछे हैं हम
नितिन प्रधान, नई दिल्ली। आर्थिक विकास की ऊंची दर को लेकर भले ही हमारी उम्मीदें बहुत अधिक हों, लेकिन सामाजिक-आर्थिक विकास के मानकों में आज भी भारत की स्थिति बेहद खराब है। खासतौर पर पुरुषों के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के अनुपात के मामले में हम दुनिया के कई छोटे देशों से भी पीछे हैं। लोगों को उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में तो भारत की स्थिति बेहद दयनीय है। वर्ल्ड इकोनॉमिक...
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