बढ़ेगा बोझ - ऊंचे दाम पर चीनी की खरीद से राज्यों को करना होगा भुगतान निविदा के भाव मध्य प्रदेश को 32.87 रुपये प्रति किलो की दर से मिली निविदा केंद्र सरकार ने खरीद दाम तय किया हुआ है 32 रुपये प्रति किलो ज्यादा दाम पर खरीदी गई चीनी का भार राज्य सरकारों पर पड़ेगा कई राज्य सरकारों ने केंद्र सरकार से की सब्सिडी बढ़ाने की मांग सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में आवंटन के लिए राज्यों को महंगी...
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अर्थशास्त्र की ऊंची मीनार से कुपोषण मिटाने की यह कवायद....
भारतीयों को विवाद-प्रिय माना जाता है और हमारी यह विवादप्रियता एक बार फिर से उठान पर है ! गरीबी-रेखा और गरीबों की तादाद के बारे में लंबे समय तक वाक्युद्ध में उलझे रहने के बाद, प्रसिद्ध अनिवासी भारतीय(एनआरआई) अर्थशास्त्रियों ने एक बार फिर से विवाद छेड़ा है कि भारत में कुपोषण का विस्तार कितना है। पहले योजना आयोग ने गरीबों की संख्या को कागजी तौर पर घटाने की कोशिश की...
More »चुटका परमाणु बिजलीघर के खिलाफ संघर्ष रंग लाया- बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश का चुटकी जैसा दिखने वाला गांव चुटका, अब देश-दुनिया में मिसाल बन गया है। यहां के मामूली से दिखने वाले लोगों ने अपनी ताकत से सरकार को झुका दिया है। भारी जन दबाव को देखते हुए चुटका परमाणु बिजलीघर की पर्यावरण मंजूरी के लिए 24 मई को होने वाली जन सुनवाई को रद्द करना पड़ा। इसके लिए प्रशासन ने भारी खर्च करके सर्वसुविधायुक्त भव्य टेंट लगाया था लेकिन उसे उखाड़कर वापस ले जाना पड़ा। जन सुनवाई रद्द...
More »चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना‘‘ की जनसुनवाई स्थगितः
प्रस्तावित ‘‘चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना‘‘ की जनसुनवाई स्थगितः सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का कारण दिया मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर बने विशालकाय बरगी बांध के किनारे प्रस्तावित ‘‘चुटका मध्यप्रदेश परमाणु विद्युत परियोजना‘‘ की 24 मई को होने वाली जनसुनवाई कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने के अंदेशे के कारण जिलाधीश ने स्थगित कर दी है। इसके लिये चुटका संघर्ष समिति, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, बरगी बांध विस्थापित संघ...
More »जंगल-जमीन बचाने के लिए सतपुड़ा में आंदोलन- बाबा मायाराम
इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...
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