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दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं, सहयोग चाहिए-- पीयूष द्विवेदी

दिव्यांगजनों की हमारे समाज में क्या स्थिति है तथा उनके प्रति समाज की क्या मानसिकता है? दरअसल, न केवल भारत में बल्कि समूची दुनिया में एक समय तक दिव्यांगता को सिर्फ चिकित्सा संबंधी समस्या समझा जाता था, लेकिन समय के साथ सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंस आदि दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा जिस तरह से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए सोपान गढ़े गए, उन्होंने समाज की मानसिकता को बदलने का...

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खाद्य प्रसंस्करण के विकास पर हो जोर - डॉ. जयंतीलाल भंडारी

पिछले दिनों दो ऐसी रिपोर्ट्स आईं, जिन पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं गया, लेकिन यदि इन रिपोर्ट्स में कही बातों पर वास्तव में गंभीरतापूर्वक काम किया जाए तो हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ-साथ रोजगार के परिदृश्य में भी व्यापक सुधार नजर आ सकता है। बीते 21 नवंबर को उद्योग मंडल एसोचैम और शिकागो की विश्व प्रसिद्ध एकाउंटिंग फर्म ग्रांट थॉर्टन द्वारा संयुक्त रूप से प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कहा...

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GES 2017 में इवांका बोलीं- घर हो या बाहर, महिलाएं हमेशा वर्किंग वीमेन

हैदराबाद। वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन 2017 में हिस्सा लेने आई इवांका ट्रंप ने सम्मेलन के दूसरे दिन बुधवार को एक चर्चा के दैरान कहा कि महिलाएं चाहे घर रहें या बाहर काम करें, वो हमेशा वर्किंग वीमेन होती हैं। इवांका ने इस दौरान अपील की कि पुरुष भी जैंडर गैप खत्म करने में योगदान दें। इवांका ने आगे कहा कि यह सिर्फ महिलाओं के मुद्दे नहीं हैं। हम आधी आबादी हैं,...

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बैंकिंग सुधार की कठिन डगर --- सतीश सिंह

मौजूदा समय में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सरकारी बैंकों में आमूलचूल परिवर्तन लाने की दरकार है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए सरकार ने उन्हें 2.11 लाख करोड़ रुपए देने की योजना बनाई है। अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, विकास दर को बढ़ाने और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी लाने के लिए बैंकों को मजबूत करना जरूरी है। सरकार के इस कदम को जीएसटी के...

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तंग नज़रिये के प्रतीकों का पोषण-- एस निहाल सिंह

फिल्म पद्मावती को लेकर छिड़ा विवाद एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करता है। केंद्र में 2014 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से अभिव्यक्ति की आजादी तथा अपने अंदाज़ में ज़िंदगी जीने के लिए जगह सिकुड़ती जा रही है। दूसरा, सार्वजनिक बातचीत में सतहीपन आ गया है, जबकि कांग्रेस के शासनकाल में ऐसा नहीं होता था। इसके कारण कहीं दूर तलाश करने की जरूरत नहीं। आरएसएस के...

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