बिहार का बहुत बड़ा मानव संसाधन राज्य और राज्य के बाहर मजदूर के रूप में अपनी शक्ति और श्रम का निवेश कर रहा है. इनकी ज्यादा संख्या असंगठित कार्य क्षेत्र में हैं. राज्य में करीब नौ हजार कारखाने सरकार के खाते में दर्ज, जिनमें से करीब पौने आठ हजार चालू हाल में हैं. इनमें करीब 1.14 लाख मजदूर काम कर रहे हैं. बाकी मजदूर दूसरे कार्य क्षेत्रों में हैं. बिहार सरकार श्रम...
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सुधारों की दिशा और आम आदमी( पू्र्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जन्मदिवस पर प्रभात खबर की विशेष प्र?
भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के 22 वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था. इन वर्षों में आर्थिक उदारीकरण विकास के चमचमाते आंकड़ों पर सवार होकर हम तक जरूर आया,...
More »गुजरात मॉडल का सच- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
More »झूठी, एकतरफा और मनगढ़ंत!-प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट ( क्षमा के साथ)
प्रेस काउंसिल बिहार रिपोर्ट क्षमा के साथ भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया) की किसी रिपोर्ट के लिए पहली बार यह विशेषण हमने इस्तेमाल किया कि प्रेस परिषद की बिहार रिपोर्ट झूठी है, एकतरफा है, मनगढ़ंत है या पूर्वग्रह से ग्रसित है. या किसी खास अज्ञात उद्देश्य से बिहार की पत्रकारिता और बिहार को बदनाम करने के लिए यह रिपोर्ट तैयार की गयी है. हम ऐसा निष्कर्ष तथ्यों के आधार पर निकाल...
More »देश के सबसे ज्यादा 'वीआईपी' हैं बिहार में, सालाना ख़र्च 141.95 करोड़- मणिकांत ठाकुर
पटना। \'बॉडी गार्ड्स\' मुहैया करवाने की मद में सबसे अधिक ख़र्च करने वाला राज्य भी बिहार ही है. यहाँ इस मद में सालाना ख़र्च की रक़म 141.95 करोड़ रुपये है. बिहार सरकार की तरफ़ से सुप्रीम कोर्ट में पेश एक हलफ़नामे के बाद ये तथ्य सामने आए हैं. ब्यूरो ऑफ़ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा जुटाए आंकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं. देश भर में 14,842 \'अति महत्वपूर्ण\' व्यक्तियों की सुरक्षा में...
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