भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...
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प्याज 70-80 रुपये किलो पहुंची, स्टॉक की सीमा पर विचार कर रही है सरकार
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा भाव 70 से 80 रुपये प्रति किलो की ऊंचाई पर पहुंच चुका है. ऐसे में केंद्र सरकार प्याज व्यापारियों के भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में मानसून की भारी बारिश से आपूर्ति प्रभावित हुई है जिसकी वजह से इसकी कीमतों में उछाल आया है. उपभोक्ता...
More »किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन
नई दिल्ली: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए अन्य उपायों के अलावा धान की फसल के हर हिस्से, डंठल से लेकर दाने तक का मूल्यवर्द्धन करने और इसके लिए जैव-पार्क स्थापित किए जाने की जरूरत है. डॉ स्वामीनाथन को उम्मीद है कि इस बार के आम बजट में सरकार इस दिशा में कुछ नई पहल कर सकती है. स्वामीनाथन ने आम बजट के...
More »अमूल की धरती गुजरात का मुख्य चुनावी मुद्दा बना डेयरी फार्मिंग उद्योग
अहमदाबाद: गुजरात ने 50 साल पहले भारत में ‘सफेद क्रांति ' लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ लिमिटेड के डॉ. वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में, जो बाजार में अग्रणी अमूल ब्रांड के मालिक हैं ने भारत को ऑपरेशन फ्लड के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े उत्पादक और दूध के उपभोक्ता में बदल दिया. लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. भले ही अमूल भारत की सबसे...
More »जीडीपी घटकर 6.6 फीसदी पर पहुंची, पिछले 15 महीनों में सबसे कम दर
नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी) घटकर 6.6 फीसदी हो गई है. यह दर पिछली पांच तिमाही यानी 15 महीनों में सबसे कम है. गुरुवार को जारी सरकारी आकंड़ों से यह जानकारी मिली. कृषि और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन और उपभोक्ता मांग घटने से जीडीपी की रफ्तार कम हुई है. हालांकि, तीसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़ने के बावजूद भारत अब...
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