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तमिलनाडु में लॉकडाउन के दौरान जातीय अत्याचारों में पांच गुना वृद्धि : दलित संगठन

-कारवां, 29 मार्च को तिरुवनमन्नई जिले के मोर्रप्पाथंगल गांव में भीड़ ने कुल्लथुर समुदाय के 24 वर्षीय सुधाकर मुरुगेसन की हत्या कर दी. यह समुदाय तमिलनाडु में अनुसूचित जाति के रूप में वर्गीकृत है. सितंबर 2019 में सुधाकर ने हिंदू जाति की गौंडर समुदाय की एक महिला शर्मिला से शादी की थी. यह समुदाय तमिलनाडु में पिछड़ा वर्ग के रूप में वर्गीकृत है. सुधाकर के पिता मुरुगेसन ने बताया, ''सुधाकर और...

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भारत की विकास दर के अनुमानों पर आरबीआई के बदलते बोल

-द कारवां,  22 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत की आर्थिक स्थिति को "घेरती निराशा" के रूप में वर्णित किया. कोविड-19 से पहले भारत की सकल घरेलू उत्पाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "सभी अनिश्चितताओं को देखते हुए 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि नकारात्मक रहने का अनुमान है, 2020-21 की एच 2 (दूसरी छमाही) से आगे कुछ गति पकड़ने...

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भारतीय रोग नियंत्रण बोर्ड ने शुरू से छिपाया कोरोना का डेटा, महामारीविदों का खुलासा

-कारवां,  स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) ने फरवरी के पहले सप्ताह की अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में भारत में कोविड-19 के पहले तीन मामले रिकार्ड थे. आईडीएसपी भारत में बीमारियों के प्रसार को ट्रैक करता है और अपनी वेबसाइट पर प्रकोपों के बारे में साप्ताहिक रिपोर्ट प्रकाशित करता है. एक दशक से अधिक समय से आईडीएसपी ने भारत में बीमारियों के प्रकोप के...

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कोरोना जांच किट में मुनाफाखोरी, दिल्ली हाई कोर्ट की सुनवाई में हुआ खुलासा

-कारवां, 26 अप्रैल को तीन निजी कंपनियों के बीच के विवाद से हमें पता चला कि केंद्र सरकार ने कोविड एंटीबॉडी जांच किट की खरीद 145 प्रतिशत महंगी दर में होने दी है. कोर्ट के फैसले से भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. अदालत के फैसले से खुलासा हुआ कि आईसीएमआर ने पांच लाख किटों के लिए 30 करोड़ रुपए का भुगतान मंजूर किया था. इस...

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हरियाणा: लॉकडाउन की भारी क़ीमत चुका रहे नूंह के ये ग़रीब परिवार

द वायर, देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि 19 दिनों तक बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने गरीबों को हो रही तकलीफों पर खेद जताया था. समाज का मिडिल क्लास तमाम चुनौतियों को झेलने के बावजूद भी इसे जरूरी क़दम बता रहा है. यह मिडिल क्लास उन तकलीफों को नहीं समझ रहा, जिससे बेघर मजदूर और गरीब लोग गुजर रहे हैं. ये लोग भूख से उपजी तड़प को नहीं समझते. देश का हर वंचित तबका इस...

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