रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लघु धान्य फसलों की खेती करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को यहा बताया कि छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ मौसम में 2,200 हेक्टेयर में लघु-धान्य फसलो जैसे रागी, सावा, कोदो और कुटकी की खेती की जाएगी। रागी के लिए पाच-पाच सौ हेक्टेयर और कोदो-कुटकी तथा सावा की खेती के लिए दो-दो सौ हेक्टेयर के कलस्टर...
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बंजर जमीन में बायो डीजल की खेती
पटना : सरसरी तौर पर आपको यह सचमुच विसंगतियों से भरा मामला दिखेगा. 20 साल की उम्र में कंपनी का गठन एक्सएलआरआइ से एमबीए के बाद गांव व खेती में जुटना. निश्चित भविष्य की गारंटी वाली नौकरी का ऑफर ठुकरा कर बिहार में बदलाव लाने की पथरीली डगर का चयन. जिस बंजर जमीन पर खेती भी मुश्किल हो, वहां डीजल पैदा करने की जिद. डीजल भी उस पेड़ से निकालने...
More »मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »मानवाधिकार संगठन की नई रिपोर्ट - किसान-आत्महत्या के कुछ अनदेखे पहलू
क्या सरकारी प्रयासों के बावजूद किसानों की आत्महत्या के ना थमने वाले सिलसिले का एक पहलू दलित और महिला अधिकारों की अनदेखी से भी जुड़ता है। सेंटर फॉर ह्यूमन राइटस् एंड ग्लोबल जस्टिस(सीएचआरजीजे) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट की मानें तो- हां। सीएचआरजीजे और द इंटरनेशनल ह्यूमन राइटस् क्लीनिक की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई है कि खेतिहर संकट से जूझ रहे भारत में किसानों की आत्महत्या की...
More »असंगति का संगीत- रोहिणी मोहन
कुछ मामलों में एक जैसे और ज्यादातर मामलों में एक-दूसरे से जुदा शांति और प्रशांत भूषण के छुए-अनछुए पहलुओं की पड़ताल करती रोहिणी मोहन की रिपोर्ट मई, 1995 की एक दोपहर को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु ठक्कर अपने वकीलों प्रशांत और शांति भूषण के साथ सर्वोच्च न्यायालय में बैठे हुए थे. उनसे जरा-सी दूरी पर मुख्य न्यायाधीश एएस आनंद एक ऐसा फैसला सुना रहे थे जो पूर्वी गुजरात के कम से कम...
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