Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 150
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Deprecated (16384): The ArrayAccess methods will be removed in 4.0.0.Use getParam(), getData() and getQuery() instead. - /home/brlfuser/public_html/src/Controller/ArtileDetailController.php, line: 151
 You can disable deprecation warnings by setting `Error.errorLevel` to `E_ALL & ~E_USER_DEPRECATED` in your config/app.php. [CORE/src/Core/functions.php, line 311]
Warning (512): Unable to emit headers. Headers sent in file=/home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php line=853 [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 48]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 148]
Warning (2): Cannot modify header information - headers already sent by (output started at /home/brlfuser/public_html/vendor/cakephp/cakephp/src/Error/Debugger.php:853) [CORE/src/Http/ResponseEmitter.php, line 181]
न्यूज क्लिपिंग्स् | बंजर जमीन में बायो डीजल की खेती

बंजर जमीन में बायो डीजल की खेती

Share this article Share this article
published Published on Jun 17, 2011   modified Modified on Jun 17, 2011
पटना : सरसरी तौर पर आपको यह सचमुच विसंगतियों से भरा मामला दिखेगा. 20 साल की उम्र में कंपनी का गठन एक्सएलआरआइ से एमबीए के बाद गांव व खेती में जुटना. निश्चित भविष्य की गारंटी वाली नौकरी का ऑफर ठुकरा कर बिहार में बदलाव लाने की पथरीली डगर का चयन. जिस बंजर जमीन पर खेती भी मुश्किल हो, वहां डीजल पैदा करने की जिद. डीजल भी उस पेड़ से निकालने की योजना, जिसे बिहार में फालतू पेड़ माना जाता है.

जी हां, करंज से.गया के युवा उद्यमी कुमार अंकित  ने अपने लिए राह चुन ली है. वह बिहार की एक लाख एकड़ बंजर जमीन पर करंज के पौधे उगा कर इससे बायो डीजल, ग्लिसरीन, बिजली और बायो कीटनाशक पैदा करने की परियोजना पर काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने दो युवा सहयोगियों मनीष दयाल और कुमार राहुल के साथ मिल कर ग्रीन लीफ एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी बनायी है.

बकौल अंकित, उनकी योजना करंज के बीज से 10 करोड़ लीटर बायो डीजल और 20 मेगावाट बिजली उत्पादन की है. इससे हजारों किसानों को अगले 50 वर्षो तक आमदनी का जरिया उपलब्ध हो जायेगा.सामाजिक उद्यमिताअंकित ने गया के डीएवी से स्कूली पढ़ाई की. फिर जबलपुर से इंजीनियरिंग.

बाद में उन्होंने एक्सएलआरआइ, जमशेदपुर में एमबीए में दाखिला लिया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान दूसरे राज्यों के दोस्त उन्हें बिहारी कह कर चिढ़ाते थे. तभी उन्होंने तय किया था कि वह बिहार की छवि को न केवल बदलने में जुटेंगे, बल्कि उदाहरण भी पेश करेंगे. एक्सएलआरआइ में पढ़ाई के दौरान अपने शिक्षक मधुकर शुक्ला और प्रबल सेन से उन्होंने सामाजिक उद्यमिता का अर्थ जाना. इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु के उदीपी श्रीनिवास के करंज के पौधे से बायो डीजल उत्पादन पर शोध के बारे में जानकारी मिली. फिर तो अंकित ने अपनी राह चुन ली.नर्सरी में सवा लाख पौधे  सितंबर, 2009 में अंकित ने डोभी के कोठवारा गांव में करंज के सवा लाख पौधों की नर्सरी लगायी.

तत्कालीन औद्योगिक विकास आयुक्त ए विजय राघवन और ग्रामीण विकास सचिव विजय प्रकाश से मिल कर पूरी परियोजना की जानकारी दी. अंकित ने मनरेगा के तहत बंजर जमीन पर करंज के पौधे लगाने का प्रस्ताव सरकार को दिया, जो न केवल स्वीकृत हुआ, बल्कि 23 जून, 2010 को सरकार ने इसकी नीति भी बना दी. अंकित की योजना गया, नवादा, औरंगाबाद, जमुई, बांका और कैमूर जिले की एक लाख एकड़ बंजर जमीन पर करंज का पौधा लगाने की है. इसके लिए सरकार प्रति एकड़ 26704 रुपये अनुदान देगी. इससे किसानों को पौधों की देखभाल के लिए13 हजार 200 रुपये प्रति एकड़ मिलेंगे.

अंकित ने गया जिले के शेरघाटी, डोभी, बाराचट्टी जैसे पिछड़े इलाकों में करंज के 13 लाख पौधों की नर्सरी लगायी है. फिलहाल उन्होंने 500 एकड़ में करंज के पौधे लगाये हैं. ग्रीन लीफ एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का जल्द ही एचपीसीएल और आइओसी से करार होने वाला है, जो करंज के बीज से निकला तेल खरीदेगी.

अंकित की योजना बिहार के अपने प्रयोग को उत्तराखंड में आइएफडीसी के साथ मिल कर जमीन पर उतारने की भी है.

करंज से फायदे अनेक
-बंजर जमीन भी होगा हरा भरा
-यह हवा से नाइट्रोजन लेता है
-जमीन की उर्वरता बरकरार
-एक एकड़ में 200 पेड़
- पेड़ों के साथ खेती की भी गुंजाइशऐसे बनेगा बायो डीजल
- नर्सरी में चार-पांच माह में पौधा तैयार
- चौथे वर्ष में 4-5 किलो फल आने लगेंगे
- आठवें वर्ष में प्रति पेड़ 25 किलो फल
- फल की खरीदारी कंपनी तय रेट पर करेगी
- एक पेड़ 50 वर्ष तक फल देगा
- तीन किलो बीज से एक लीटर तेल
- तेल से बायो डीजल, ग्लिसरीन व कीटनाशक बनेगाकई राज्यों में सफल है प्रयोग
- कर्नाटक में सरकारी बसों में बायो डीजल का उपयोग
- छतीसगढ़ व आंध्र प्रदेश में प्लांट स्थापित
- 35 रुपये प्रति लीटर बिकता है बायो डीजल.

-रजनीश उपाध्याय-


http://www.prabhatkhabar.com/node/4594


Related Articles

 

Write Comments

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close