हमारे देश में दो तरह के लोग पाये जाते हैं. एक वे, जो खाते-खाते मर जाते हैं और दूसरे वे, जो खाये बिना मर जाते हैं. खाने की अमीरी और गरीबी की इसी खाई को पाटने की एक छोटी-सी कोशिश कर रही हैं एर्नाकुलम की मीनू पॉलिन. बैंक की नौकरी छोड़ कर दो साल पहले रेस्त्रां के व्यवसाय से जुड़ीं मीनू ने लोगों के सहयोग से भूखों को मुफ्त भोजन...
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हमारे धनकुबेर और टैक्स हेवन - मोहन गुरुस्वामी
हमारे देश के ऊंचे और रसूखदार लोगों का किया-धरा धीरे-धीरे अब सार्वजनिक जानकारी के दायरे में आता जा रहा है। पनामा पेपर्स का खुलासा इनमें सबसे ताजातरीन मामला है। इन खुलासों ने हड़कंप मचा दिया है कि भारत की कम से कम पांच सौ आलातरीन शख्सियतों की पनामा में फर्जी कंपनियां हैं, जिनका मकसद मनी लॉन्ड्रिंग या धन छिपाना था। इस खुलासे के बाद ज्यादा से ज्यादा यही कहा जा...
More »क्या गरीबी एक राजनीतिक पूंजी है? - विजय संघवी
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में कहा कि भारत में गरीबी कायम रखने में कांग्रेस का योगदान था, क्योंकि गरीबों को वे वोटबैंक की तरह मानते थे। शाह ने जो कहा, वह एक राजनीतिक आम धारणा भी है। लेकिन इस कथन की विस्तार से पड़ताल करने के लिए हमें इसके विभिन्न् परिप्रेक्ष्यों को ठीक से समझना होगा। जॉन राल्स्टन सॉल ने तीन तरह के छवि-निर्माताओं की तस्दीक की है।...
More »दिल्ली-मुंबई के करोड़पति किसान- राजीव रंजन झा
बीते मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कह कर एक राजनीतिक सनसनी पैदा कर दी, कि सरकार कृषि आय के नाम पर कर योग्य आय छिपाये जाने की जांच कर रही है और अगर इस मामले में ऐसा करनेवालों के नाम सामने आते हैं तो राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप न लगाया जाये़ उन्होंने संकेत दिया कि इस संबंध में 'कई महत्वपूर्ण व्यक्ति' संलिप्त हो सकते हैं, जिनकी...
More »2030 तक होगा मलेरिया का अंत!
वर्षों से जारी प्रयासों और व्यापक खर्चों के बावजूद मलेरिया की वैश्विक चुनौती कायम है. इससे निबटने के लिए भारत समेत कई देशों में वैक्सीन का विकास करने समेत कई वैज्ञानिक उपाय तलाशे जा रहे हैं. वैश्विक स्तर पर हाल में इस दिशा में तीन आरंभिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं. देश-दुनिया में मलेरिया की मौजूदा स्थिति, इससे निपटने के प्रयासों में हासिल हालिया उपलब्धियों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों के...
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