-नवजीवन, देश में कोरोना की आमद के बाद बीते 15 महीनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (सोमवार, 7 जून को) एक बार फिर देश को संबोधित किया। इस बार उनका पूरा भाषण कोरोना महामारी और इससे लड़ने के लिए वैक्सीन पर केंद्रित था। उन्होंने ऐलान किया कि आने वाले दिनों में वैक्सीनेशन का सारा काम केंद्र सरकार अपने हाथ में लेगी और सभी राज्यों को वैक्सीन मुफ्त में मुहैया कराई...
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वे दस गलत नीतियां जो मोदी सरकार के सात साल को परिभाषित करती हैं
-जनपथ, मोदी सरकार ने सात साल पूरे कर लिए हैं। किसी भी समाज, देश या व्यक्ति के मूल्यांकन के लिए सात वर्ष पर्याप्त होते हैं। सात साल में ऐसी दस महत्वपूर्ण गलतियाँ थीं, जो निस्संदेह मोदी सरकार को परिभाषित करेंगी। विमुद्रीकरण: यह किसी भी सूची में सबसे ऊपर होगा क्योंकि इसकी सफलता की कमी और व्यापक तबाही ने अर्थव्यवस्था पर इसका असर डाला। विदेशों में बिजनेस स्कूलों में अब एक चेतावनी के रूप...
More »नारी पूजक देश में सारी गालियां महिलाओं के नाम पर ही क्यों हैं?
-सत्यहिंदी, सोशल मीडिया पर दो तरह के लोग सक्रिय हैं। एक वे जो लिखते हैं और दूसरे जो बकते हैं। लिखने वाले लोग अच्छा भी लिखते हैं और बुरा भी। लेकिन बकने वाले लोग बस बकते हैं। और जो वे बकते हैं वे अपने से असहमत लोगों से बहुत ‘मधुरता’ से संवाद करते हैं। ऐसी मधुरता कि आप ‘सुन्न’ हो जाएं। यहां सबसे ज्यादा स्थान ‘मां और बहन’ को दिया जाता...
More »आलेख : नृशंस साम्राज्य
-आउटलुक, “ऐसा प्रचंड संकट आजादी के बाद से नहीं आया था, अब तो मोदी समर्थक भी मानने लगे हैं कि महामारी में सरकार का रवैया सारे दायित्व से हाथ झाड़ लेने का रहा है” इस 9 मई को पिंजरा तोड़ आंदोलन की अगुआ छात्र एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता महावीर नरवाल कोविड महामारी से जंग हार गए। वे दुनिया से विदा होने के पहले अपनी बेटी से मिल या बात नहीं कर...
More »महामारी के दौर में वैज्ञानिक दृष्टिकोण
-न्यूजलॉन्ड्री, रूपक हमें किसी भी बोध के लिए विशेषण सुझाते हैं. भारत बमुश्किल अभी भिखारियों, सपेरों, और राजाओं के देश के रूपक की केंचुली उतार ही पाया था, कि अब वो ताली, थाली और दिए से एक वायरस से लड़ने की सोचने वाले देश के रूपक में जकड़ गया. भारत की तमाम वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियां उस प्रतिछवि से ग्रस्त हो जाती हैं, गो-कोरोना-गो के चिल्लाने, और गोमूत्र एवं गोबर के...
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