पणजी। पिछले दिनों खबर आई थी कि गोवा देश का पहला कैशलेस राज्य बनने की राह पर है। लेकिन इतना बड़ा तमगा लेने की राह पर जा रहे इस राज्य के 16 प्रतिशत घरों में रहने वाले अब भी खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। आलम यह है कि यहां कई जगहों पर सार्वजनिक शौचालय तक नहीं है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार 1961 में गोवा में...
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स्थानीयता है कुंजी-- नीलम गुप्ता
जलवायु परिवर्तन, भूख, कुपोषण, बढ़ती गरीबी, घटते संसाधन, ये सभी ऐसी समस्याएं हैं जिनसे आज सारी दुनिया जूझ रही है। अरबों रुपए इन समस्याओं के हल के लिए अंतराष्ट्रीय सम्मेलनों पर खर्च किए जा चुके हैं। आगे भी किए जाएंगे। पर हल तब भी शायद ही निकले। तो क्या किया जाए? गांधी-विचारों में रची-बसी, स्वाश्रयी महिला सेवा संघ (सेवा), अमदाबाद की संस्थापक और गुजरात विद्यापीठ की चांसलर इला भट्ट के...
More »भूजल की फिक्र किसे है-- दीपक रस्तोगी
विज्ञान पत्रिका ‘नेचर जियोसाइंस' का यह खुलासा चिंतित करने वाला है कि सिंधु और गंगा नदी के मैदानी क्षेत्र का तकरीबन साठ फीसद भूजल प्रदूषित हो चुका है। उसका दावा है कि चार दक्षिण एशियाई देशों में फैले इस विशाल क्षेत्र का पानी न तो पीने योग्य बचा है और न ही सिंचाई योग्य। हालत यह है कि कहीं भूजल सीमा से अधिक खारा हो चुका है तो कहीं उसमें...
More »खामियां बनीं सिरदर्द : हर दिन कमर तक पानी से गुजरते हैं 100 लोग
झाबुआ, ब्यूरो। शहर से 4 किमी दूर गांव नवागांव के तेरू फलिया में पानी की व्यवस्था के लिए कई साल पहले वाटरशेड मिशन से नाले पर बंधन किया गया। दो साल पहले जल संसाधन विभाग ने एक तालाब भी इसके पास बना दिया, लेकिन इस तालाब का वेस्टवियर ऊंचा था। अब फलिए के दोनों ओर से बहने वाले नाले भी तालाब में तब्दील हो गए। फलिए के लोगों के पास आने-जाने...
More »कितनी सुरक्षित है दर्द की यह दवा-- संचिता शर्मा
अपने देश में हर साल फ्लू, डेंगू और चिकनगुनिया के आने के साथ पैरासिटामॉल की बिक्री में जबर्दस्त उछाल बदलते मौसम की तरह है। पैरासिटामॉल अकेली ऐसी दवा है, जो आम प्रचलित एस्प्रिन, ब्रूफेन या अन्य दर्द निवारक दवाओं की अपेक्षा कहीं ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। यह कम साइड इफेक्ट वाली तो है ही, डेंगू या अन्य अज्ञात कारणों से होने वाले बुखार में होने वाले रक्तस्राव की आशंका...
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