दुनिया भर का अनुभव बताता है कि नागरिक असंतोष यदि समय से सुलझाया न जा सके और उसे अनुकूल खाद-पानी मिले, तो अंततोगत्वा वह एक सशस्त्र प्रतिरोध में तब्दील हो जाता है। खास तौर से जब धर्म जैसा कोई मजबूत दर्शन इसके पीछे हो और बिना किसी गंभीर प्रयास के सरकारें सिर्फ लीपापोती कर रही हों, तब स्थिति अधिक बिगड़ सकती है। शुरुआत में तो इस उभार का सामना नागरिक...
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किसान आंदोलन: आक्रोश से क्यों उबल रहा है अन्नदाता?
पथरायी आंखों से आकाश की तरफ टकटकी लगाकर देखता किसान और उसके पैरों के नीचे पानी को तरस में टुकड़े-टुकड़े होती जमीन! याद कीजिए कि किसानों की निरीहता की सूचना देती यह तस्वीर आपके जेहन में कितने सालों से दर्ज है? किसानी की यह तस्वीर आपकी आंखों के आगे कुछ और तस्वीरों को नुमायां करेगी. और बहुत मुमकिन है कि नुमायां होने वाली यह तस्वीर अपने खेत में लगे किसी पेड़...
More »सामाजिक काम के वित्तीय मापदंड-- वीरेन्द्र कुमार पैन्यूली
सीएसआर फंड यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड यानी कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व कोष पर पहुंच बढ़ाना फंड खोजते गैर-सरकारी संगठनों की रणनीति का आज एक प्रमुख हिस्सा है। इन्ही संदर्भों में स्थितियां यहां तक पहुंच गई हैं कि कतिपय गैर-सरकारी संगठन अपनी वेबसाइटों में अपनी विशिष्टता यही बताते हैं कि वे कॉरपोरेट घरानों के लिए सीएसआर के काम करने व करवाने में पारंगत है, और इसके लिए उनसे संपर्क किया जाए।...
More »नक्सलवाद को पस्त करने की चुनौती - संजय कपूर
अप्रैल का यह महीना केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के लिए बेहद बुरा रहा है। इस माह इसे इतनी जनहानि उठानी पड़ी, जो बीते सात वर्षों में सर्वाधिक है। पिछले 11 मार्च को भी माओवादी हमले में सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए थे, लेकिन वो घटना इसलिए सुर्खियों में नहीं आई, क्योंकि उसी दिन उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजे आए थे और सारा देश उसी...
More »एक नारीमय राजनीति की बुनियाद-- रुचिरा गुप्ता
चंपारण सत्याग्रह में औरतें पहली बार हिंदुस्तान की जमीनी राजनीति से जुड़ीं और यह औरतों की भागीदारी का बुनियाद बन गया. सूत कातना और खादी बुनना गरीब से गरीब महिला भी अपने घर में कर सकती थी. लाखों वॉलंटियरों, विशेषकर महिलाओं को, जो अपना घर नहीं छोड़ सकतीं थीं और पढ़ी-लिखी भी नहीं थी, अब आंदोलन भाग ले सकती थीं. इन कार्यों ने सबको बदला-शक्तिशाली और कमजोर को, मर्द को...
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