निवेश और उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न शुल्क और मंजूरियों में छूट से लेकर तकनीकी उन्नयन और इ-बिज पोर्टल जैसी तमाम घोषणाएं बजट में है। मंजूरियों में छूट को लेकर एक विधेयक लाने की तैयारी का संकेत भी कर दिया गया है। कहना न होगा कि वित्तमंत्री ने उद्योगों की तो खूब चिंता की, परग्रामोद्योगों को अब भी प्रतीक्षा है कि कोई आए और अलग से उनकी चिंता...
More »SEARCH RESULT
जनधन इफेक्ट : रूपे कार्ड के लिए बनेंगी टेस्टिंग लैब, सरकार देगी सर्टिफिकेट
नई दिल्ली। जनधन खातों के तहत जारी होने वाले रूपे कार्ड के लिए टेस्टिंग लैब बनाने की तैयारी है। सरकार इस कदम से रूपे कार्ड की मैन्युफैक्चरिंग का मानकीकरण करना चाहती है। इसके लिए नेशनल पेंमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने टेंडर जारी कर दिया है। नई व्यवस्था में रूपे कार्ड की मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा प्रमाणित टेस्ट लैबोरेटरी से सर्टिफिकेट लेना होगा। अभी तक जनधन...
More »विश्व राजनीति के दावं-पेच में चित हुआ कच्चा तेल
प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
More »पेंशन खातों में धोखाधड़ी
पटना: बुढ़ापे में आर्थिक सहायता के लिए चल रही स्कीम में धोखाधड़ी की बात सामने आ रही है. देश भर में चल रही ‘स्वावलंबन' योजना में इसका खुलासा प्रारंभिक जांच में हुआ है. बिहार के किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया समेत अन्य सीमावर्ती जिलों में इसके कुछ मामले सामने आये हैं. घोटाला कितना बड़ा और किस स्तर का है, इसका आकलन अभी किया जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए अब...
More »विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी
काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...
More »