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कितने काम की है बेमौसमी गर्मी से जूझते किसानों को 'अतिरिक्त सिंचाई' की सलाह?

डाउन टू अर्थ, 23 फरवरी  फरवरी माह में पड़ अप्रत्याशित गर्मी को देखते कृषि वैज्ञानिक किसानों को एक अतिरिक्त सिंचाई की सलाह दे रहे हैं। इससे जहां भूजल स्तर को लेकर चिंता जताई जा रही है, वहीं वे किसान अधिक परेशान हैं, जहां सिंचाई के इंतजाम हैं ही नहीं। डाउन टू अर्थ ने पंजाब और मध्य प्रदेश के कुछ किसानों से बात की। पंजाब के जालंधर जिले के किसान दो दिन से...

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मौसम की मार से फसल बर्बाद होने के बावजूद मुआवजे से वंचित भूमिहीन किसान

मोंगाबे हिंदी, 21 फरवरी उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के तुरकौली गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान राम सागर की अक्टूबर 2022 में भारी और बेमौसम बारिश के कारण साढ़े तीन एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई थी। इसी गांव में रहने वाले 42 साल के जाबिर अली का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उनके एक एकड़ जमीन पर लगा धान बारिश की वजह से पूरी तरह खराब...

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कृषि मिट्टी ने 30-75% निहित जैविक कार्बन पूल खो दिया है: ICAR पेपर

इंडियास्पेंड, 18 फरवरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, वर्तमान तकनीकी समीक्षा के परिणामों से पता चला है कि कृषि मिट्टी ने अपने निहित मिट्टी कार्बनिक कार्बन (SOC) पूल का लगभग 30-75 प्रतिशत खो दिया है, जो कि " काफी चिंताजनक "। कृषि भूमि उपयोग प्रणालियों में, वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वृद्धि फसल भूमि की लगातार खेती, फसल अवशेषों, बायोमास जलाने, स्थानांतरित खेती, कम...

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क्या महंगा पड़ सकता है ईंधन के लिए गन्ने का उपयोग?

द थर्ड पोल, 14 फरवरी उत्तर प्रदेश में मेरठ के बाहरी इलाके में पिछले कुछ महीनों से बड़ी-बड़ी चिमनियां लगातार धुंआ उगल रही हैं। अक्टूबर से अप्रैल गन्ना-पेराई का मौसम होता है। गन्ने की मदद से भी इथेनॉल बनता है। इस दौरान यहां की चीनी मिलें चालू रहती हैं। बिजली पैदा करने के लिए गीले पौधों के कचरे को जलाया जाता है, जिससे धुआं पैदा होता है, जो वातावरण में मंडराता...

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फरवरी माह में देश में बारिश के सामान्य रहने का अनुमान, मौसम विभाग ने जारी किया आउटलुक

डाउन टू अर्थ, 2 फरवरी मौसम विभाग के अनुसार फरवरी 2023 में पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित उत्तर पश्चिमी भारत में बारिश के लंबी अवधि के औसत (एलपीए) 89 से 112 फीसदी रहने का अनुमान है।  उपरोक्त हिस्सों में, इस महीने, जनवरी से मार्च तक होने वाली वार्षिक वर्षा का लगभग 18 प्रतिशत बारिश होती हैं। वहीं इसी अवधि...

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