किसानों के लिए फ़सल का बीमा सुनने में बहुत अच्छा विचार लगता है लेकिन असल में जब किसान बैंक से क़र्ज़ लेता है तो बिना उससे पूछे, बिना उसकी अनुमति लिए ज़बर्दस्ती उसके अकाउंट से पैसा काटकर बीमा करवा दिया जाता है. बीमा करवाना है या नहीं इसका फ़ैसला किसान नहीं ले सकता. बीमा किस कंपनी से करवाना है, किन शर्तों पर करवाना है यह भी किसान के हाथ में नहीं....
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किसानों को दिया संक्रमित बीज, 250 एकड़ की फसल खराब
रायपुर। आरंग तहसील की 250 एकड़ भूमि में बोई गई दुर्गेश्वरी बीज की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। सरकार ने 70 किसानों को बीज के प्रचार-प्रसार के लिए बीज निगम के माध्यम से बीज की सप्लाई की थी, लेकिन समय से पहले बाली आने के बाद दाने झड़ गए, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है और उनकी साल भर की मेहनत खराब हो गई है। पीड़ित 70...
More »सूखे की आपदा और हमारे कर्तव्य
जरा सोचिए, अगर आपकी गाड़ी के एक्सीडेंट में सामने का शीशा टूट जाए, लेकिन बीमा कंपनी यह कहकर आपको कुछ भी हर्जाना देने से मना कर दे कि पहिए और इंजन तो बच गए हैं। अगर किसी की दुकान जल जाए, लेकिन मुआवजा न मिले, क्योंकि बाकी पड़ोसियों की दुकानें नहीं जलीं। या फिर आप मकान खरीदने के लिए लोन लें और आपसे बिना पूछे ही आपके मकान का बीमा...
More »खाली जमीन पर फसल दिखाकर बीमा कंपनियों ने किया धोखा
मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों के फसल बीमा में प्रीमियम की राशि में बीमा कंपनियों ने किसानों को जमकर चूना लगाया है। बीमा कंपनियों ने किसानों से उस जमीन का भी प्रीमियम वसूल लिया, जिस पर खेती ही नहीं की गई है। बीमा कंपनियों ने किसानों की खाली जमीन पर भी धान की फसल खड़ी कर दी और हर एकड़ में दो हजार रुपए काट लिए। बीमा कपंनियों ने इस...
More »क्लाइमेट चेंज की चपेट में छत्तीसगढ़, जल संकट और सूखे की मार
संदीप तिवारी, रायपुर। विकास के नाम पर जंगलों की अंधाधुंध कटाई, शहरीकरण और उद्योगों के प्रदूषण ने पर्यावरणीय संतुलन बिगाड़ दिया है। नतीजतन जलवायु परिवर्तन के कारण छत्तीसगढ़ में जलसंकट के साथ सूखे का खतरा मंडराने लगा है। इस साल बारिश कम होने से त्राहि-त्राहि मची है। आने वाले सालों में बारिश कम होने से अकाल पड़ने की चेतावनी दी गई है। तापमान बढ़ने से वन्य प्राणियों व आम आदमी...
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