जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...
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रियायत किसे और मुनाफा किसका? - विजय सिंघवी
भाजपा की राष्ट्रीय परिषद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में विकसित देशों के दबाव के आगे नहीं झुकने के अपने निर्णय को जायज ठहराया। उनका तर्क था कि हम खाद्यान्न सबसिडी में ज्यादा कटौती करते हुए देश के लाखों छोटे किसानों की आजीविका को जोखिम में नहीं डाल सकते थे। उनकी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मोदी के इस विचार का पुरजोर स्वागत किया। जहां तक...
More »पहले थी सूखे की आशंका, अब किसान चाह रहे बारिश पर ब्रेक
रायपुर। जून में बारिश की कमी ने सूखे की आशंका बढ़ा दी थी, लेकिन जुलाई की बारिश ने इस आशंका को न सिर्फ खत्म कर दिया है, बल्कि अब किसान बारिश में ब्रेक चाहते हैं। अब आलम यह है कि खेतों में पानी भरा हुआ है और किसान पानी निकाल नहीं पा रहे। मौसम और कृषि विभाग का कहना है कि अब कम से कम एक हफ्ते बारिश...
More »बजट बाद वित्त मंत्री के नाम एक खत...गोविन्दो भट्टाचार्य
प्रिय वित्त मंत्री, यह आपकी सरकार का पहला बजट था। जनता ने भारी-भरकम जनादेश देकर आपको यह मौका दिया। पिछले शासन से अलग हटकर आपने जनता से बदलाव और बिना किसी खैरात के विकास करने का वादा किया था। वित्त मंत्री जी क्या हुआ इन वादों का? तीस सालों में पहली बार आपकी पार्टी पूरी तरह से बहुमत में आई। यह राष्ट्र बखूबी जानता है कि पिछली सरकार ने अपने शासन में...
More »रिलायंस ने गैस मामले में कर दी बड़ी मांग
रिलायंस इंडस्ट्रीज और सरकार के बीच प्राकृतिक गैस की कीमतों का विवाद उलझता जा रहा है। इस मुद्दे पर सरकार को आर्बिट्रेशन (मध्यस्थता) नोटिस भेज चुकी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने गैस की बढ़ी कीमतें वर्ष 2012 से लागू करने की मांग रखी है। रंगराजन समिति ने 1 अप्रैल 2014 से नई कीमतें लागू करने की सिफारिश की थी, जिस पर केंद्र सरकार को अभी फैसला लेना है। इस बारे में वित्त मंत्रालय...
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