छतरपुर. हाल ही की सर्दियों में पाला और तुषार से बुंदेलखंड के किसानों की फसलें तबाह हो रही थीं, पर गांधी आश्रम के खेतों में लगी दलहनी फसलें दोगुनी उर्वरता के साथ लहलहा रही थीं। पिछले साल भी क्षेत्र में सूखे के बीच इस आश्रम में भरपूर फसल थी। यह चमत्कार है गांधीवादी ढंग से की गई जैविक खेती का, जिसके अध्ययन के लिए देश-विदेश के दर्जनों कृषि विशेषज्ञ, विदेशी शोधार्थी...
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किसानों की सुनने की फुर्सत नहीं
जागरण ब्यूरो, भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद भी बुंदेलखंड के किसानों को उड़द की घटिया बीज प्रदाय करने वालों के खिलाफ कार्यवाही का मामला पुलिस ने ठंडे बस्ते में ड़ाल दिया है। ज्ञातव्य है कि तीन माह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुंदेलखंड का दौरा किया था। उन्होंने अपने इस दौरे के दौरान खेतों में अफलन की स्थिति भी देखी थी। उन्होंने अफसरों को बीज...
More »अब रबी पर भी संकट
घटिया बीज के कारण किसानों की खरीफ की फसल खराब हो गई है। वह रबी की अच्छी पैदावार पर उम्मीद लगाए हुए है। लेकिन समय पर खाद न मिलने और बिजली के संकट के कारण रबी की बुआई भी समय पर नहीं हो पा रही है। इससे रबी की संकट पर पैदा हो गया है। नहीं मिल रही बिजली रबी की फसल की बुआई का मौसम आ चुका है। इसके लिए किसानों...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 1
अपनी वीरता और जुझारूपन के लिए प्रसिद्ध बुंदेलखंड में कई सालों के सूखे, इसके चलते पैदा कृषि संकट और इनसे निपटने की योजनाओं में भ्रष्टाचार ने पलायन और आत्महत्याओं की एक अंतहीन श्रृंखला को जन्म दे डाला है. - रिपोर्ट रेयाज उल हक बुंदेलखंड को मिले 3,506 करोड़ रुपए के पैकेज से महोबा जिले के पवा गांव की रामकली को समय पर और नियमित रूप से राशन मिल जाने की कम...
More »बेहाल बुंदेले बदहाल बुंदेलखंड - 2
सही है कि पूरे बुंदेलखंड में लगभग 2 लाख 80 हजार कुओं में से अधिकतर बेकार पड़ गए हैं - या तो मरम्मत के अभाव में वे गिर गए हैं या वे सूख गए हैं- लेकिन थोड़े-से रुपए खर्च करके उन्हें फिर से उपयोग के लायक बनाया जा सकता है. मगर पंचायतों और अधिकारियों का सारा जोर नए कुएं-तालाब खुदवाने पर अधिक रहता है. एेसा इसलिए होता कि इनमें ठेकेदारों,...
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