2014 में सत्ता में आने के बाद से पीएम मोदी जनधन योजना को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ की महिलाओं ने 'जनधन योजना' की शुरूआत 2011 में कर दी थी। उत्तरकाशी जिले में सैणी नाकुरी की अहिल्या एवं सुनीता, उत्तरों की सत्यभामा, सुनीता, चीवां की राधिका, डिडसारी की सरस्वती, लौंथरू की पूर्णा देवी और कई नाम हैं जिन्होंने अपनी असाधारण प्रबंध क्षमता का परिचय दिया है। हर माह 20...
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दिल्ली की हार के बाद बनेगा आर्थिक नीतियों में बदलाव का दबाव
नई दिल्ली. करीब 9 महीने पहले नरेंद्र मोदी 'अच्छे दिनों' के नारे और वादों के साथ पर केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे। इसके लिए उन्होंने बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गुजरात के विकास के मॉडल को देश के सामने रखकर लोगों को 'अच्छे दिनों' का सपना दिखाया था। लेकिन जिस तरह से दिल्ली विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारी हार मिली है, उससे साफ हो...
More »‘मेक इन इंडिया’ से नहीं मिला बूस्ट, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से कर्ज की मांग हुई निगेटिव
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के पॉलिसी रिफॉर्म्स की घोषणाओं और कदमों का असर अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बैंकों की ओर से प्राथमिक सेक्टर (मैन्युफैक्चरिंग, माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज, एजूकेशन और एग्रीकल्चर सेक्टर) को दिए जाने वाले लोन में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। खासतौर पर मीडियम इंटरप्राइजेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ओर से क्रेडिट डिमांड नेगटिव में...
More »भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर से अमेरिकी कंपनियों को मिलेगी पावर
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की यात्रा को भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर के लिए भले ही एक अहम कारोबारी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ अमेरिका की सोलर एनर्जी कंपनियों को मिलेगा। अमेरिकी ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी भारत के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में दो अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर चुकी है। इससे जहां मोदी सरकार की चौबीसो घंटे बिजली...
More »बैंकों की दशा सुधारने की कवायद- धर्मेंन्द्रपाल सिंह
देश की अर्थव्यवस्था से आजकल अजीब इशारे मिले हैं। बीते अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 4.2 फीसद गिरा। जुलाई से सितंबर की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई। सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पूरा जोर लगा रखा है, लेकिन देशी-विदेशी पूंजीपति नया निवेश करने से कतरा रहे हैं। कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि हमारा देश ‘बैलेंस शीट रिसेशन' के...
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