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कोरोना काल में बिगड़ी घुमन्तु समुदाय (Nomadic Tribe) की औरतों की स्थिति

-सबरंग, डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार “किसी भी समाज की प्रगति का आकलन उस समाज में महिलाओं की प्रगति के द्वारा किया जा सकता है” लेकिन आज भी भारतीय समाज में औरतों ख़ास कर घुमंतू समाज के औरतों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. भारत सांस्कृतिक रूप से विविधता वाला देश है जिसमें विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोग रहते हैं. हर वर्ग में महिलाओं की स्थिति भिन्न तरीके से...

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क्या रेप पीड़ित दलित लड़कियां और महिलाएं न्याय के लिए ज्यादा चुनौतियां झेलती हैं? हर दिन 10 दलित महिलाओं के साथ हो रहा रेप

-गांव कनेक्शन,  पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींचने वाला हाथरस का केस हो या राजस्थान में अजमेर को बंधक बनाकर 8 घंटे तक महिला के साथ गैंगरेप, दोनों ही पीड़िताएं दलित समुदाय से थीं। दोनों मामलों की जांच जारी है, न्याय और तथ्यों की बातें कोर्ट में होंगी। पर इस पर अभी तक जो टीका-टिप्पणी हुई है वो ये समझने के लिए काफी है कि जब किसी दलित पीड़िता के...

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टाइम यूज सर्वे: महिलाओं के गले में बंधा है घर का चुल्हा चौंका और देखभाल का अवैतनिक काम

अन्य कई कारणों के अलावा, देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की कम श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के पीछे एक कारण (अर्थशास्त्रियों के अनुसार) यह है कि युवा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जिसकी वजह से माध्यमिक और उच्च शैक्षिक स्तर पर महिलाओं के एनरोलमैंट में सुधार देखने को मिला है. इसका अर्थ यह है कि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएँ अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए...

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बेगूसराय के इस विकलांगों के गांव के लिए बिहार चुनाव में क्या है?

-न्यूजलॉन्ड्री, उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरते हुए जब हम मुहीदा परवीन से मिलने पहुंचे तो वह अपनी चाची के घर पर महिलाओं के साथ बीड़ी बना रही थीं. 30 वर्षीय परवीन दोनों पैरों से विकलांग हैं. माथे पर दुप्पटा डाले और नजरों को बीड़ी की तरफ गड़ाए हुए परवीन कहती हैं, ‘‘कहीं बाहर जा नहीं सकती. एक ही जगह जिंदगी गुजर रही है. मुझे देखने वाला कोई भी नहीं है. इससे बड़ा...

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‘घर बनवाने के लिए पैसे जुटाए थे लेकिन गांव का हाल देखकर नाव बनवा ली’

-द वायर, सुपौल जिले के निर्मली विधानसभा क्षेत्र का पिपराही गांव सिकरहट्टा-मंझारी तटबंध पर दीघिया चौक से करीब ढाई किलोमीटर दूर है. यहां जाने के लिए कोसी नदी की एक धारा को नाव से पार करना पड़ता है. सितंबर-अक्टूबर के महीने में पहले नदी की इस धारा में पानी कम होता था लेकिन तीन -चार वर्षों से यह नदी की मुख्य धारा बन गई है और इसमें अब पूरे 12 महीने इतना...

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