अब आप से क्या छुपाना। मैंने कल तक मेरिल स्ट्रीप का नाम नहीं सुना था। मैं नहीं जानता था कि मेरिल स्ट्रीप हॉलीवुड की कितनी प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं, उन्हें कितने अवार्ड मिल चुके हैं। मैं अंग्रेजी फिल्म ज्यादा नहीं देखता हूँ। अब कामचलाऊ अंग्रेजी लिख-बोल जरूर लेता हूँ। लेकिन दुःख-सुख,प्यार और रंज में अंग्रेजी साथ छोड़ देती है। इसलिए कविता, कहानी और फिल्म का रसस्वादन अमूमन हिंदी में या हिंदी...
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समाज सेवा के नाम पर-- मोनिका शर्मा
हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में चल रहे तैंतीस हजार गैर-सरकारी संगठनों में से करीब बीस हजार संगठनों के लाइसेंस रद््द कर दिए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई तब की, जब पाया गया कि ये एनजीओ विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। यानीजिन एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद््द किया गया है, वे अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेंगे। इस कार्रवाई के...
More »कम क्यों है भ्रष्टाचार की शिकायतें ?
रोजमर्रा के शासन-प्रशासन में भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा है लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत बहुत कम ! इस विरोधाभास की व्य़ाख्या कैसे हो ? क्या भ्रष्टाचार रोकने के कानूनों पर अमल इतना लचर है कि लोगों को इंसाफ मिलने का भरोसा ही नहीं होता ?हाल के एक अध्ययन के तथ्य इसी आशंका की पुष्टी करते हैं.(देखें नीचे की लिंक)दिल्ली स्थित मानवाधिकार संगठन कॉमनवेल्थ ह्युमन राइटस् इनिशिएटिव(सीएचआरआई) के एक आकलन के मुताबिक बीते पंद्रह...
More »भ्रष्टाचार से लाचार लोकतंत्र!-- चंदन श्रीवास्तव
भ्रष्टाचार की बातें तो बहुत हैं, लेकिन शिकायतें बड़ी ही कम हैं! अब इस उलटबांसी की व्याख्या कैसे हो? क्या हम यह मान लें कि चलो फिर से इस नियम की पुष्टी हुई कि भारत विरोधाभासों का देश है? सार्वजनिक जीवन में नजर आनेवाला विरोधाभास दोहरा अर्थ-संकेत होता है. उसका एक इंगित है कि हमारा तंत्र पाखंड से भरा है और दूसरा इंगित कि अन्याय आठो पहर आंखों...
More »सुधार की दिशा में सख्ती से बढ़ें कदम - डॉ. एके वर्मा
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से इन राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है। जब भी चुनाव आते हैं, निर्वाचन आयोग का सारा ध्यान नए मतदाता बनाने व चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न् कराने में लग जाता है, किंतु जो असली मुद्दा है कि चुनावों में अच्छे लोग...
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