-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से इस वित्तीय वर्ष में सीधे 225 करोड़ रुपये की योजना लघु वनोपज यानि माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एमएफपी) राज्य के आदिवासियों से खरीदेगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से मामूली वन उपज (एमएफपी) खरीदने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 225 करोड़ रुपये की योजना को बनाई है. आदिवासी कल्याण निकाय के प्रमुख ने दिप्रिंट को बताया है. छत्तीसगढ़ स्टेट माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस कोऑपरेटिव...
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‘संकट में भी दूध की सप्लाई रखी बरकरार’
-आउटलुक, लॉकडाउन के दौरान दूध और इसके उत्पादों की सप्लाई को सुचारु रखना बड़ी चुनौती है। दूध की बड़ी मात्रा खपाने वाले हलवाई, आइसक्रीम निर्माता और अन्य उत्पाद बनाने वाले गायब हैं। इससे दूध उत्पादकों को नुकसान हो रहा है। कुछ उत्पाद हॉट केक बन गए तो कुछ गायब हो गए हैं। डेयरी क्षेत्र पर कोरोना महामारी के असर पर गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लि. (अमूल) के मैनेजिंग डायरेक्टर आर.एस....
More »700 से ज़्यादा परिवारों तक सीधा खेतों से पहुंचा रहे हैं ताज़ी सब्जियां
-द बेटर इंडिया, बाज़ार और दुकानें कई दिनों से बंद हैं। ऐसी परिस्थिति में देश भर के किसानों को वित्तीय हानि के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नाटक के किसान, श्रीधर की बात करें तो देश भर में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए 24 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण उन्हें अबतक तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के पहले...
More »देश की आठ हजार दाल मिले बंद है, जानिए दलहन किसान और मजदूर का हाल
-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...
More »गेहूं की आपूर्ति कम होने से शहरों में आटे की किल्लत
-आउटलुक, देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति दुरुस्त करने को लेकर सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में अनाज मंडियां बंद होने के कारण शहरों में आटे की किल्लत हो गई है, लेकिन गांवों में ऐसी समस्या नहीं है। कारोबारियों ने बताया कि गांवों में किसानों के पास खुद का गेहूं है और पीडीएस के तहत लोगों को मिलने वाला अनाज भी...
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