कुछ महीने पहले 30,000 से ज्यादा किसानों ने एक लाख रुपये प्रति एकड़ की पूरी कृषि ऋण माफी के साथ 50,000 रुपये सूखा मुआवजे की मांग को लेकर ठाणे से मुंबई तक मार्च किया. इस समय नासिक और मराठवाड़ा जिले के अलग-अलग हिस्सों में कई गांवों को पानी की कमी (औसतन 30 फीसद) का सामना करना पड़ रहा है, जबकि यहां के किसान पहले से ही कम फायदेमंद खरीफ फसलों...
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सरकार को आरबीआई पर दबाव नहीं बनाना चाहिए- संदीप बामजई
केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच थोड़ी-बहुत खींचतान होती रही है, लेकिन इस बार खींचतान ज्यादा बढ़ गयी है. इनके बीच खींचतान में अक्सर आरबीअाई की स्वतंत्रता और स्वायत्तता का मामला सामने आता है. यह विवाद ठीक नहीं है, क्योंकि आरबीआई स्वतंत्र होने के साथ ही एक स्वायत्त संस्था है. आरबीआई दरअसल भारत का केंद्रीय बैंक है, और इसका काम है मॉनेटरी पॉलिसी (मौद्रिक नीति) की...
More »सरकार-रिजर्व बैंक की रस्साकशी - विवेक कौल
भारतीय रिजर्व बैंकऔर भारत सरकार के बीच चल रही रस्साकशी धीरे-धीरे बाहर आ रही है। सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच थोड़ा-बहुत टकराव सिस्टम के लिए अच्छा होता है। मसलन, हर सरकार यह चाहती है कि ब्याज दरें कम से कम हों क्योंकि कम ब्याज दरों पर लोग जमकर कर्ज लेंगे और इससे अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी, लेकिन सरकारें यह जरूरी बात या तो भूल जाती हैं या फिर उसकी...
More »अंधाधुंध कर्ज वितरण रोकने में विफल रहा रिजर्व बैंकः जेटली
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2008 से लेकर 2014 के बीच अंधाधुंध कर्ज देने वाले बैंकों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने को लेकर रिजर्व बैंक की आलोचना की है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि इससे बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) का संकट बढ़ा है। जेटली ने आरबीआई की आलोचना ऐसे समय की है, जब केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच तनाव बढ़ने...
More »मंदी के सबक और भविष्य के अंदेशे-- मोंटेक सिंह अहलूवालिया
लेहमन ब्रदर्स के पतन की 10वीं वर्षगांठ पर उम्मीद के मुताबिक विचारों की बाढ़ दिखी है। गुणा-भाग इन सवालों पर हो रहे हैं कि इस संकट की वजह क्या थी? क्या बेहतर तरीके से इससे निपटा गया, और हमने इससे किस तरह के सबक सीखे? ज्यादातर लेखों की बुनियाद समान है, सिवाय एक को छोड़कर, जो पूरी तरह मूल विचार लग रहा है। इसे पेश किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष...
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