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जलवायु परिवर्तन का सामना करने में कौन से जानवर हैं बेहतर, क्या उम्र, आकार और बच्चे भी रखते हैं मायने

डाउन टू अर्थ, 25 अगस्त जलवायु परिवर्तन इस सदी का एक ऐसा खतरा है जिससे चाह कर भी नहीं बचा जा सकता। मौसम से जुड़ी चरम घटनाएं जैसे भारी बारिश, बाढ़, लम्बे समय तक चलने वाला सूखा ऐसी ही घटनाएं हैं जो तापमान में होती वृद्धि के साथ आम होती जा रहीं हैं। अंदेशा है कि आने वाले दशकों में स्थिति बद से बदतर हो सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा...

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जैविक खेती की वजह से श्रीलंका में आयी है आर्थिक अस्थिरता; अफवाह है या फिर हकीकत समझना होगा

गांव कनेक्शन, 25 अगस्त वही जैविक व प्राकृतिक खेती के समर्थको में चिंता का विषय पनप गया। साथ ही उक्त दोनों श्रेणियों के बीच उन लोगों में भय का वातावरण बन रहा है। जो भविष्य में अपना करियर जैविक खेती में बनाने वाले है। अर्न्तराष्ट्रीय मुद्दे पर वर्तमान में की जा रही टिप्पणियों के पीछे की रणनीति की जानकारी तो नहीं है, लेकिन इस वैज्ञानिक युग में प्रर्याप्त सुचनाएं (सारगर्भित) होते...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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मध्य प्रदेश: ठेले पर वृद्ध मरीज़ को अस्पताल ले जाने की ख़बर दिखाने वाले पत्रकारों पर एफआईआर

द वायर 23 अगस्त मध्य प्रदेश पुलिस ने 76 साल के एक वृद्ध ग्यास प्रसाद विश्वकर्मा को एम्बुलेंस के न आने पर ठेले पर अस्पताल ले जाने की खबर दिखाने के लिए तीन पत्रकारों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. पुलिस का आरोप है कि यह ‘भ्रामक और झूठी खबर’ है. रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना भिंड जिले के लहार प्रखंड में 15 से 16 अगस्त के बीच की है....

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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