भारतीय लोकतंत्र को एक सक्षम लोकतंत्र माना जाता है, लेकिन यह अंतर्विरोधों से भी भरा हुआ है। इसकी एक विडंबना यह है कि भारतीय जनता का एक वर्ग जहां अति मुखर है, वहीं उसका एक बड़ा वर्ग ‘मूक व चुप समुदाय' के रूप में समाज में रहता है। भारतीय समाज का एक भाग जहां सोशल मीडिया, मीडिया के अन्य रूपों, सभा-सोसायटी में बोल रहा होता है, वहीं एक बड़ा भाग...
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पुलिस तंत्र में बदलाव की जरूरत -- आकार पटेल
पिछले 30 वर्षों में भारतीय शहर काफी हद तक बदल चुके हैं और इससे पुलिस के काम-काज का तरीका भी प्रभावित हुआ है. हमारे शहर कैसे बड़े होते चले गये या उनकी जनसंख्या बढ़ती गयी और ज्यादातर लोगों के लिए ये अब रहने योग्य नहीं हैं, मैं इस बारे में बात नहीं कर रहा हूं. यहां बात उस संदर्भ में हो रही है कि पहले उन शहरों को किस योजना...
More »चलो, चलें गांव की ओर?-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर
सत्तर के आखिरी दशक में मेरी मुलाकात अस्सी साल के बुजुर्ग शिक्षाविद श्रीमान जीवन नाथ दर से हुई थी. मैं जिस विद्यालय की आठवीं-नवीं कक्षा में पढ़ता था, ये कभी वहीं प्राचार्य हुआ करते थे. कहते हैं कि जब बिहार सरकार ने भारत सरकार की सलाह पर इस प्रयोगात्मक विद्यालय खोलने का निर्णय लिया, तो पंडित नेहरू ने उनसे यहां आने का आग्रह किया था. शांतिनिकेतन के तर्ज पर बिना...
More »प्रधानमंत्री आवास योजना की कछुआ चाल पर पीएम मोदी ने जतायी नाराजगी
नयी दिल्लीः अगले पांच सालों में देश के गरीबों को सस्ती कीमतों पर आवासी उपलब्ध कराने के लिए सरकार की आेर से शुरू की गयी प्रधानमंत्री आवास योजना की कछुआ चाल को देख पीएम नरेंद्र मोदी ने नाराजगी जाहिर की है. बीते दिनों राज्यों के सचिवों के साथ वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये की गयी बैठक में उन्होंने देश के राज्यों के सचिवों को प्राथमिकताआें के आधार पर एक रोडमैप पीएमआे...
More »एनडीए के राज में कितना कम हुआ भ्रष्टाचार, पढ़िए इस रिपोर्ट में..
‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा-' क्या आप बता सकते हैं कि तीन साल पहले चुनाव-प्रचार के दौरान कही गई इस बात पर कितने लोग विश्वास करते हैं ? इस सवाल का जवाब जानने में आपकी मदद सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज(सीएमएस) का एक अध्ययन कर सकता है. विकास के मुद्दों पर शोध और मीडिया एडवोकेसी की इस संस्था के हालिया अध्ययन सीएमएस-इंडिया करप्शन स्टडीज के मुताबिक लगभग 40 फीसद लोगों का विश्वास है कि मोदी...
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